पशु वोट देने नहीं जाते फिर भी हम कर रहे हैं उनकी सेवा: मोदी
|वाराणसी
अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वोट बैंक की राजनीति को लेकर इशारों में विरोधियों पर निशाना साधा और कहा कि उनके लिए दल से बड़ा देश और इसलिए उनकी प्राथमिकताएं वोट के हिसाब से नहीं होतीं। शहंशाहपुर इलाके में आयोजित पशुधन आरोग्य मेले को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार उन पशुओं की भी सेवा कर रही है जो वोट देने नहीं जाते। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में स्वच्छता अभियान और सबको घर देने की सरकार की योजना का भी जिक्र किया। जानिए, पीएम मोदी ने अपने भाषण में और क्या कहा:
अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के दो दिवसीय दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को वोट बैंक की राजनीति को लेकर इशारों में विरोधियों पर निशाना साधा और कहा कि उनके लिए दल से बड़ा देश और इसलिए उनकी प्राथमिकताएं वोट के हिसाब से नहीं होतीं। शहंशाहपुर इलाके में आयोजित पशुधन आरोग्य मेले को संबोधित करते हुए मोदी ने कहा कि सरकार उन पशुओं की भी सेवा कर रही है जो वोट देने नहीं जाते। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में स्वच्छता अभियान और सबको घर देने की सरकार की योजना का भी जिक्र किया। जानिए, पीएम मोदी ने अपने भाषण में और क्या कहा:
- इतनी सवेरे-सवेरे इतनी भीड़ कि मैं कल्पना नहीं कर सकता हूं। सबसे पहले क्षमा चाहता हूं कि जो व्यवस्था की वह कम पड़ गई, बहुत लोग धूप में खड़े होकर भी आशीर्वाद देने आए हैं, उनका शुक्रिया। जो लोग ताप में खड़े हैं उनकी तपस्या हम कभी बेकार नहीं जाने देंगे।
- यह पहला पशु आरोग्य मेला है, बहुत से डॉक्टर आए हैं। मुझे विश्वास है कि उत्तर प्रदेश सरकार पूरे राज्य में यह मेला लगाएगी और इसके जरिए हमारा गरीब किसान जो पशु की देखभाल करने में कभी-कभी संकोच करता है, आर्थिक कारणों से कभी-कभी वह कर नहीं पाता है, इसलिए ऐसे किसानों को पशुधन सेवा से बहुत बड़ी राहत होगी। हम जानते हैं कि कृषि के क्षेत्र में हमारे किसानो को आय में कोई सबसे ज्यादा मदद पहुंचाता है तो वह मदद पशुपालन और दूध उत्पादन के जरिए पहुंचती है। आने वाले दिनों में हमारे पशु पालकों के लिए बहुत उत्तम सुविधा और सेवा होगी।
- राजनीति का स्वभाव होता है कि वे उसी काम को करना पसंद करते हैं जिसमें वोट की संभावना होती है। वोट बैंक मजबूत करने के लिए वे अपना काम करते हैं, लेकिन हम अलग चरित्र के हैं। दल से बड़ा देश है हमारे लिए और इसलिए हमारी प्राथमिकताएं वोट के हिसाब से नहीं होती हैं। आज यह मेला उन पशुओं के लिए है जिन्हें कभी किसी को वोट देने नहीं जाना। आज तक इस तरह का अभियान कभी नहीं चलाया गया। आरोग्य मेले से पशुपालन में नई सेवा-सुविधा मिलेगी। आज हमारा देश दूध उत्पादन में बहुत आगे है लेकिन हमारे यहां प्रति पशु दूध उत्पादन बेहद कम है। इसलिए पशु पालना महंगा पड़ता है।
- मेरा जन्म गुजरात में हुआ, मेरा कार्यक्षेत्र गुजरात रहा। मैंने देखा है कि वहां सहकारी माध्यम से दूध के लिए जो काम हुआ उसने वहां के किसानों को एक नई ताकत मिली है। आने वाले दिनों में काशी का दूध खरीदने के लिए भी दूध की डेरी बनने वाली है। मुझे विश्वास है कि जब यह बिक्री शुरू होगी तो काशी क्षेत्र के किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी, उन्हें ज्यादा पैसे मिलेंगे।
- 2022 में आजादी को 75 साल होंगे। तब हमारे देश के आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे, उन सपनों को पूरा करने के लिए हम सबको संकल्प लेना चाहिए। पांच साल उन संकल्पों को पूरा करने के लिए अपनी शक्ति लगानी चाहिए। अगर हिंदुस्तान के नागरिक मिलकर एक-एक संकल्प लें तो हिंदुस्तान 125 कदम आगे बढ़ जाएगा।
- कोई इंसान नहीं होगा, जो गंदगी से नफरत नहीं करता होगा, लेकिन स्वच्छता हमारी जिम्मेदारी है, यह स्वभाव हमारे देश में पनपा नहीं है। हम गंदगी करते हैं, इसे साफ कोई और करेगा, इसी सोच का परिणाम है कि भारत को जैसा स्वच्छ बनाना चाहिए, हम उसे वैसा नहीं बना पा रहे हैं।
- स्वच्छता हर नागरिक, हर परिवार की जिम्मेदारी है। स्वच्छता हमारे आरोग्य के लिए बेहद जरूरी है। भांति-भांति की जो बीमारियां फैल रही हैं उनसे बचने के लिए स्वच्छता बहुत जरूरी होती है। यूनिसेफ के मुताबिक अगर घर में शौचालय है तो सालाना इलाज पर खर्च होने वाले 50 हजार रुपये बच जाते हैं। स्वच्छता मेरे लिए पूजा है, मुझे नवरात्र के पावन मौके पर शौचालय की नींव रखने का अवसर मिला।
- शौचालय को इज्जतघर नाम देना बहुत पसंद आया। जिसको इज्जत की चिंता है वह जरूर इज्जतघर बनाएगा, इज्जतवान बनेगा।
- आज भी देश में करोड़ों लोगों के पास रहने के लिए अपना घर नहीं है, छत नहीं है। ऐसे गुजारा करते हैं जो किसी के लिए भी बेहद दयनीय होता है। हमारा कर्तव्य है कि गरीब से गरीब व्यक्ति को रहने के लिए छत दें, घर दें। हमने बेहद मुश्किल काम का बीड़ा उठाया है, जानता हूं लेकिन अगर मुश्किल काम मोदी नहीं करेगा तो कौन करेगा?
- 2022 जब भारत की आजादी को 75 साल पूरे होंगे हिंदुस्तान के हर शख्स के पास घर होगा। करोड़ों की तादाद में घर बनेंगे तो यूरोप के छोटे देश जितने घर हमें बनाने हैं। जब यह बनेंगे तब लोगों को रोजगार मिलेगा। रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे।
- पहले की सरकार को हम चिट्ठियां लिखते रहते थे, मुझे अफसोस के साथ कहना पड़ रहा है कि पिछली सरकार को गरीबों के घर बनाने में रुचि नहीं थी, जब योगी जी की सरकार आई तब तेजी से काम शुरू हुआ।
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