पनगढ़िया ने छोटे उद्योगों को टैक्स से राहत देने की वकालत की

योगिमा सेठ शर्मा, नई दिल्ली

नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया का मानना है कि बड़े, छोटे और मंझोले उद्यमों (एमएसएमई) को कर छूट मिलनी चाहिए और श्रम कानून में सुधार किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये चीजें उनको आगे बढ़ने और प्रतिस्पर्द्धा में बने रहने के लिए प्रोत्साहित करेगा। उन्होंने कहा, ‘टैक्स तो अहम इंसेन्टिव है लेकिन पूरे रेग्युलेटरी सिस्टम में कम से कम 10 फीसदी छोटी कंपनियां और 40-50 फीसदी बड़ी कंपनियां देश के श्रम कानून का शिकार हैं।’

सीआईआई द्वारा आयोजित ग्लोबल एमएसएमई समिट में बोलते हुए पनगढ़िया ने कहा कि हालांकि रोजगार देने के मामले में भारतीय एमएसएमई बहुत आगे है लेकिन सक्षम होने के मोर्चे पर वे पिछड़ रहे हैं। उन्होंने बताया, ‘एमएसएमई सफल और सक्षम हो, इसके लिए विशाल सफल उद्यमों की जरूरत है ताकि छोटी कंपनियां उनके सहायक का स्थान ले सके। इससे घरेलू मार्केट में प्रतिस्पर्द्धा बढ़ेगी और भारत को प्रतियोगी मार्केट बनने में सहायता होगी।’

पनगढ़िया के अनुसार, अगर भारतीय इकॉनमी में बदलाव लाना है तो वर्तमान सिस्टम सहायता नहीं करेगा। उन्होंने कहा, ‘भारी बदलाव लाने के लिए हमें कुछ बड़ा सोचने की जरूरत है और इंडस्ट्री को अपना अलग नजरिया बदलने की जरूरत है।’

भारत की एमएसएमई इंडस्ट्री में टेक स्टार्टअप्स की भूमिका पर बात करते हुए गूगल के दक्षिण पूर्व एशिया और भारत के वाइस प्रेजिडेंट और मैनेजिंग डायरेक्टर राजन आनंदन ने कहा कि गूगल भारत में टेक स्टार्टअप्स की रफ्तार देकर अचंभित है। उन्होंने कहा, ‘पिछले साल भारत में 800 नए टेक स्टार्टअप्स की स्थापना की गई। इसके साथ ही भारत में ऐसे स्टार्टअप्स की कुल संख्या 4000 हो गई है। इससे भारत सर्वाधिक स्टार्टअप वाला दुनिया का दूसरा राष्ट्र बन गया है।’

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