नाइट सफारी का मजा @ “1000
|ग्रेटर नोएडा : ग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित विश्व की चौथी नाइट सफारी के लिए अथॉरिटी ने टिकट के रेट फिक्स कर दिए हैं। यहां आने वाले पर्यटकों को एक हजार रुपये का टिकट लेना होगा। अथॉरिटी अफसरों का कहना है कि भारत में बनने वाली पहली नाइट सफारी में टिकट का रेट दुनिया के अन्य देशों की तुलना में बेहद कम रखा गया है।
ग्रेटर नोएडा में गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी के पास यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे 337.88 एकड़ में नाइट सफारी प्रोजेक्ट डिवेलप किया जाना है। इसे पीपीपी मॉडल पर बनाया जाएगा। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने इस प्रोजेक्ट का बिजनेस प्लान तैयार कर शासन को भेज दिया है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ दीपक अग्रवाल ने बताया कि नाइट सफारी का सैर करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को एक हजार रुपये का टिकट खरीदना होगा। बच्चों को इसमें कुछ छूट दी जाएगी। इसके अलावा नाइट सफारी स्थित रिजॉट में अगर कोई दो-तीन दिन ठहरता है तो उसे भी टिकट में कुछ छूट मिलेगी।
सीईओ ने बताया कि अभी यह अनुमान लगाया गया है कि नाइट सफारी में हर रोज दुनिया भर से 5 हजार लोग विजिट करने आएंगे। जब तक यह प्रोजेक्ट बनकर तैयार होगा तब तक यह संख्या और अधिक बढ़ सकती है। सीईओ ने बताया कि 257.88 एकड़ में प्राणी एवं वानस्पतिक उद्यान होगा। वहीं, 80 एकड़ में एंटरटेनमेंट संबंधी गतिविधियां डिवेलप की जाएंगी। प्रोजेक्ट का जो बिजनेस मॉडल बनाया गया है उसके मुताबिक इसे डिवेलप करने वाली कंपनी 40 साल तक यहां से रेवेन्यू लेगी। उसके बाद यह ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के पास इसका मालिकाना हक होगा।
ग्रेटर नोएडा में गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी के पास यमुना एक्सप्रेस-वे के किनारे 337.88 एकड़ में नाइट सफारी प्रोजेक्ट डिवेलप किया जाना है। इसे पीपीपी मॉडल पर बनाया जाएगा। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी ने इस प्रोजेक्ट का बिजनेस प्लान तैयार कर शासन को भेज दिया है। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ दीपक अग्रवाल ने बताया कि नाइट सफारी का सैर करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को एक हजार रुपये का टिकट खरीदना होगा। बच्चों को इसमें कुछ छूट दी जाएगी। इसके अलावा नाइट सफारी स्थित रिजॉट में अगर कोई दो-तीन दिन ठहरता है तो उसे भी टिकट में कुछ छूट मिलेगी।
सीईओ ने बताया कि अभी यह अनुमान लगाया गया है कि नाइट सफारी में हर रोज दुनिया भर से 5 हजार लोग विजिट करने आएंगे। जब तक यह प्रोजेक्ट बनकर तैयार होगा तब तक यह संख्या और अधिक बढ़ सकती है। सीईओ ने बताया कि 257.88 एकड़ में प्राणी एवं वानस्पतिक उद्यान होगा। वहीं, 80 एकड़ में एंटरटेनमेंट संबंधी गतिविधियां डिवेलप की जाएंगी। प्रोजेक्ट का जो बिजनेस मॉडल बनाया गया है उसके मुताबिक इसे डिवेलप करने वाली कंपनी 40 साल तक यहां से रेवेन्यू लेगी। उसके बाद यह ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के पास इसका मालिकाना हक होगा।
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