नहीं आना चाहती थीं दिल्ली, इसलिए ठुकरा दिया था सिनेमा का सबसे बड़ा अवॉर्ड

(फाइल फोटो-एक्ट्रेस सुचित्रा सेन)   मुंबई.बंगाली और हिंदी सिनेमा में सुचित्रा सेन एक ऐसा नाम रहा है,जो खूबसूरती और अदाकारी की आंधी थी। आज अगर वो इस दुनिया में होती तो अपना 84 वां जन्मदिन मना रही होतीं। हर एंगल से ब्यूटीफूल सुचित्रा सेन का जन्म 6 अप्रैल 1931 को बांग्लादेश के पबना में हुआ था। उन्होंने अपने सिने करियर में सिर्फ चार हिंदी फिल्में देवदास,बम्बई का बाबू,ममता और आंधी की।   एक नाम नहीं,एक घटना थीं सुचित्रा सेन   वहीं,बंगाली सिनेमा में एक्टर उत्तम कुमार के साथ उनकी जोड़ी बेहद पॉपुलर हुई। सन 1952 में उन्होंने बंगाली फिल्म ‘शेष कोथाई’ से सिनेमा में डेब्यू किया,लेकिन किसी वजह से यह फिल्म रिलीज नहीं हो सकी। इसके बाद 1953 में प्रदर्शित ‘सात नंबर कैदी’ को उनकी पहली फिल्म माना जाता है। भारतीय सिनेमा में सुचित्रा सेन एक नाम न रहकर एक घटना बन गया है। उनका जीवन तीन दशक या यूं कहे मरते दम तक गुमनामी के अंधेरे में रहा। वहीं,14 जनवरी 2014 को को उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया। जानते हैं सुचित्रा सेन की जिंदगी से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें।   सुचित्रा…

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