नमामि गंगे के तहत आईआईटी कानपुर ने गोद लिए पांच गांव

कानपुर
नमामि गंगे प्रॉजेक्ट के तहत गंगा को स्वच्छ और निर्मल बनाने के लिये आईआईटी कानपुर ने गंगा नदी के किनारे बसे शहर के पांच गांव गोद लिए हैं । आईआईटी इन गांवों की सफाई व्यवस्था, स्वच्छ पानी की व्यवस्था और यहां का गंदा पानी गंगा नदी में न जायें इसके लिये गांव वालों को जागरुक करेगी। कानपुर के जिन पांच गांवों को आईआईटी ने गोद लिया है उनमें रमेल नगर, ख्योरा कटरी, प्रतापपुर, हरी हिंदपुर और कटरी लोधवा खेडा गांव शामिल हैं। ये सभी गांव कानपुर में गंगा नदी के किनारे बसे हैं।

आईआईटी कानपुर के सिविल इंजिनियरिंग विभाग के प्रफेसर और नमामि गंगे प्रॉजेक्ट से जुड़े प्रो. विनोद तारे ने बताया कि नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत गंगा नदी को स्वच्छ और निर्मल बनाए जाने के लिये गंगोत्री से गंगासागर तक बसे शहरों के सभी 13 शिक्षण संस्थानों को पांच-पांच गांव गोद लेने की बात कही गयी है। इसी के तहत आईआईटी कानपुर, जो कि गंगा के किनारे बसा है उसने भी पांच गांव गोद लिये हैं। इन गांवों को आदर्श गांव बनाये जाने की योजना है। इसके तहत इन गांवों के पानी की जांच की जाएगी और वहां लोगों को साफ पानी पीने के लिये मिले इसके लिये प्रयास किए जायेंगे।

यहां की नालियों में गंदगी युक्त पानी नहीं बहेगा बल्कि बारिश का पानी बहेगा। इसके लिये प्रयास किये जाएंगे। ऐसे शौचालय बनाये जाएंगे जिनसे गंदगी बाहर न निकले। गांव का गंदा पानी गंगा नदी में न जाए इसके लिये प्रयास किए जाएंगे । उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत इन पांच गांवों के सभी लोगों को इसमें जोड़ा जाएगा और उन्हें गंगा के बारे में जागरुक किया जाएगा । विशेषतौर पर गांव के युवक युवतियों को इस काम में लगाया जाएगा। इन पांच गांवों के ग्राम प्रधानों और अन्य प्रमुख व्यक्तियों के साथ बैठकें की जा रही हैं। जल्द ही इस कार्ययोजना को लागू किया जाएगा।

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