‘नमामि गंगे’ की सुस्त रफ्तार, जोशी बिफरे

कानपुर
BJP के वरिष्ठ नेता और कानपुर से सांसद डॉक्टर मुरली मनोहर जोशी मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रॉजेक्ट ‘नमामि गंगे’ की सुस्त रफ्तार को लेकर खफा दिखाई दिए। उन्होंने साफतौर पर कहा कि इस परियोजना का काम जिस तरह चल रहा है, उससे तो 50 साल तक गंगा साफ नहीं हो पाएगी। 30 सांसदों की ‘एस्टीमेट कमिटी’ का नेतृत्व कर रहे जोशी ने कानपुर में समीक्षा बैठक के दौरान यह बात कही।

कानपुर पहुंची एस्टीमेट कमिटी ने नमामि गंगे परियोजना की समीक्षा की। इस दौरान मौजूद केंद्रीय और राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और नगर निगम के अधिकारियों को खरी-खरी सुनाई। उन्होंने कहा कि जिस तरह गंगा सफाई के नाम पर बनी पहले की सभी परियोजना फेल हो चुकी हैं और करोड़ों रुपये पानी में बह गए, अफसरान अब यही हाल नमामि गंगे का कर रहे हैं।

डॉक्टर जोशी ने कहा, ‘इस प्रॉजेक्ट पर भी सवालिया निशान लगने लगे हैं, जिस तरह काम चल रहा है, पांच साल तो क्या 50 साल में भी गंगा साफ नहीं हो पाएगी। गंगा जब तक अविरल नहीं होगी, उसे निर्मल नहीं किया जा सकता।’ जोशी ने अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि आंकड़ेबाजी से बाज आएं, कागजों में अच्छे आंकड़े पेश करने से गंगा साफ नहीं होगी, धरातल पर काम करें, तभी कोई नतीजा मिलना संभव है।

जोशी ने कहा कि टेनरियों को ज्यादा बदनाम किया जाता है लेकिन सरकार को ही ऐसी तकनीकी बतानी होगी, जिससे क्रोम व जहरीले पदार्थ न निकलें। सरकार विकल्प सुझाकर टेनरियों को इसके लिए तैयार करे। नगर निगम के अफसरों को फटकार लगाते हुए उन्होंने कहा कि सबसे ज्यादा लापरवाह तो वे हैं। सीवेज का जितना पानी गंगा में जाता है, उतना तो कोई प्रदूषित पदार्थ गंगा में नहीं गिरता। यह डिस्चार्ज रोकना होगा।

समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों ने कमेटी के सदस्यों को बताया कि गंगा में जहरीला कचरा बहाने वाले 353 उद्योगों को बंद किया गया है। इसमें अकेले 200 कानपुर और 60 उन्नाव के हैं। अधिकारियों ने कहा कि ऐसे उद्योगों की लगातार निगरानी की जा रही है, जो जहरीला कचरा डिस्चार्ज करते हैं।

अधिकारियों ने कमिटी को बताया कि गंगा में जहरीला कचरा बहाने वालों और प्रदूषण फैलाने वालों की निगरानी के लिए टास्क फोर्स का गठन किया गया है। इससे गंगा में जा रहा प्रदूषण रुकेगा। गंगा के किनारे बसे छह हजार गावों के लोगों को जागरूक करने के लिए गांव गंगा योजना बनाई गई है।

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