‘नगरपालिकाओं के चयनित सदस्यों को मनमाने तरीके से नहीं हटाया जा सकता’, SC ने पदाधिकारियों को हटाने के फैसले को किया रद

शीर्ष कोर्ट ने चयनित सदस्यों के खिलाफ कार्रवाई को पक्षपातपूर्ण अन्यायपूर्ण और अप्रासंगिक अवधारणाओं पर आधारित बताया। जस्टिस सूर्यकांत एवं जस्टिस पीएस नरसिम्हा की पीठ ने कहा कि नगरपालिका बिल्कुल जमीनी स्तर के लोकतंत्र की इकाई है। किसी नगरपालिका के चयनित सदस्य अपने रोजमर्रा के काम में समुचित सम्मान और स्वायत्तता के हकदार हैं।सरकारी अधिकारी या उनके सियासी आका इन सदस्यों के दैनिक कामकाज में अनावश्यक अड़ंगा नहीं डाल सकते।

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