दिल्ली में आज कारोबार बंद

रामेश्वर दयाल, नई दिल्ली

राजधानी में चल रही सीलिंग के खिलाफ आज दिल्ली में पूर्ण कारोबार बंद है। पूरी दिल्ली के छोटे-बड़े बाजारों के बंद होने की सूचनाएं आ रही हैं। बंद के खिलाफ पूरी दिल्ली के विभिन्न बाजारों में धरना-प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं। सीलिंग के खिलाफ कहीं शवयात्रा निकाली जा रही है तो कहीं पर पंचायत का आयोजन किया जा रहा है। सीलिंग के खिलाफ इससे पहले कारोबारी दो बार बंद कर चुके हैं।

इस बंद का आयोजन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) व चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) की ओर से किया जा रहा है। दोनों संगठनों का दावा है कि उनके साथ कारोबारियों के सैकड़ों संगठन जुड़े हुए हैं, इसलिए अधिकतर दिल्ली में बंद है। बंद के खिलाफ सीटीआई की ओरसे कश्मीरी गेट से निगमबोध घाट तक सीलिंग की शवयात्रा निकाली जा रही है तो कैट की ओर से करोल बाग, आर्य समाज रोड पर व्यापारी पंचायत का आयोजन किया जा रहा है। कारोबारी संगठनों की जानकारी के अनुसार आज के व्यापार बंद के दौरान दिल्ली में लगभग 1800 करोड़ रुपये का कारोबार प्रभावित होगा, जिसके चलते सरकार को लगभग 150 करोड़ रुपये के राजस्व का नुकसान होगा तथा लगभग 20 लाख से अधिक लोग जो दिल्ली के व्यापार से जुड़े हैं, के कार्य घंटे व्यर्थ होंगे।
सुबह तक मिली जानकारी के अनुसार जिन बाजारों और मार्केट में बंद का असर दिख रहा है, उनमें कनॉट प्लेस, चांदनी चौक, करोल बाग़, सदर बाजार, कमला नगर, चावड़ी बाजार, कश्मीरी गेट, खारी बावली, भागीरथ पैलेस, लाजपत राय मार्केट, नई सड़क, नया बाज़ार, खान मार्किट, साउथ एक्सटेंशन, अमर कॉलोनी, लाजपत नगर, ग्रेटर कैलाश, डिफेन्स कॉलोनी, कालकाजी, तुग़लक़ाबाद, मदनगीर, हौज़ ख़ास, युसूफ सराय, ग्रीन पार्क सहित राजौरी गार्डन, तिलक नगर, उत्तम नगर, नारायणा, पटेल नगर, कीर्ति नगर अशोक विहार, मॉडल टाउन, शालीमार बाग़, पीतमपुरा, रोहिणी, पहाड़गंज, विकास मार्ग, लक्ष्मी नगर, जगतपुरी, कृष्णा नगर, गाँधी नगर, शाहदरा, लोनी रोड, मयूर विहार आदि शामिल हैं। कनॉट प्लेस के व्यापारियों ने सी ब्लॉक में धरना प्रदर्शन आयोजित किया है। इसके अलावा अधिकतर बाजारों में धरना-प्रदर्शन आयोजित किए जा रहे हैं।

कारोबारी संगठनों का कहना है कि दिल्ली में अनेक अथॉरिटी काम कर रही हैं जिनमें तालमेल का अभाव है। इस कारण दिल्ली का नियोजित विकास प्रभावित होता है। साल 1962 से लेकर अब तक किसी भी मास्टर प्लान पर काम पूरा नहीं हुआ और दिल्ली में नियोजित विकास बुरी तरह प्रभावित हुआ। प्रति वर्ष बढ़ती जनसंख्या के अनुपात में सरकार ने पर्याप्त कमर्शल इलाके नहीं बनाए जिसकी कमी को व्यापारियों ने अलग अलग जगह दुकानें खोलकर पूरा किया। आज उन पर गाज गिर रही है। लेकिन इन कमर्शल इलाकों से लाखों लोगों की रोजी रोटी जुड़ी हुई है, जिससे कारोबारियों में गुस्सा बढ़ रहा है। कारोबारियों ने सीलिंग का स्थायी समाधान निकालने की मांग की है और कहा है कि अगर इसमें ढिलाई बरती गई तो आगामी सालों में सीलिंग का दंश उन्हें फिर परेशान करेगा।

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