तीन साल बाद गैरजरूरी हो जाएंगे बैंक: अमिताभ कांत
|नई दिल्ली
तीन साल बाद लोगों को वित्तीय काम के लिए बैंक में जाने की जरूरत ही नहीं होगी और इनका अस्तित्व भी नहीं होगा। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने गुरुवार को यह बात कही। कांत ने कहा कि भौतिक रूप से बैंक और उनकी शाखाओं में जाना अगले तीन साल में अप्रासंगिक हो जाएगा क्योंकि डेटा विश्लेषण से वित्तीय समावेशन को और गति मिलेगी। कांत ने कहा कि बैंकों की शाखाओं में जाना खत्म हो जाएगा। इसका कारण बड़े पैमाने पर डेटा का उपयोग तथा डेटा विश्लेषण है।
तीन साल बाद लोगों को वित्तीय काम के लिए बैंक में जाने की जरूरत ही नहीं होगी और इनका अस्तित्व भी नहीं होगा। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने गुरुवार को यह बात कही। कांत ने कहा कि भौतिक रूप से बैंक और उनकी शाखाओं में जाना अगले तीन साल में अप्रासंगिक हो जाएगा क्योंकि डेटा विश्लेषण से वित्तीय समावेशन को और गति मिलेगी। कांत ने कहा कि बैंकों की शाखाओं में जाना खत्म हो जाएगा। इसका कारण बड़े पैमाने पर डेटा का उपयोग तथा डेटा विश्लेषण है।
यहां एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कांत ने कहा कि उन्होंने कहा कि भारत एकमात्र देश है, जहां एक अरब से अधिक लोगों को आधार कार्ड (बायोमेट्रिक) जारी किए गए हैं। अगले तीन साल में भारत में एक अरब से अधिक स्मार्टफोन होंगे। नीति आयोग के सीईओ ने यह भी कहा कि देश में मोबाइल डाटा खपत अमेरिका और चीन के संयुक्त डेटा खपत से अधिक है।
परिचर्चा में भाग लेते हुए पेटीएम के संस्थापक विजय शेखर शर्मा ने कहा कि दुनिया में नया बैंकिंग मॉडल भारत से आएगा और पेटीएम भारत मॉडल का शुरुआती उदाहरण होगा।
मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।
Latest Business News in Hindi – बिज़नेस समाचार, व्यवसाय न्यूज हिंदी में | Navbharat Times