डीडीए का ‘लाभ’ तो नई दुकानों को ही मिलेगा!

रामेश्वर दयाल, नई दिल्ली

दिल्ली के दुकानदारों को सीलिंग से बचाने के लिए डीडीए खासी जद्दोजहद में जुटा हुआ है। लेकिन माना जा रहा है कि सीलिंग से बचाने के डीडीए के प्रस्तावों का ‘लाभ’ नई दुकानों को ही मिल पाएगा। पुराने कमर्शल इलाके सीलिंग से नहीं बच पाएंगे। फिलहाल डीडीए के पास लगातार आपत्ति और सुझाव पहुंच रहे हैं। लोग पुरानी दिल्ली को लेकर खास सुझाव दे रहे हैं तो कन्वर्जन चार्ज को भी पूरे तौर पर माफ करने की मांग की जा रही है।

दिल्ली में चल रही सीलिंग को बचाने के लिए डीडीए अपने मास्टर प्लान-2021 में कुछ संशोधन करने जा रहा है। जो संशोधन वह करने जा रहा है, उसको लेकर न तो कारोबारी संतुष्ट हैं और न ही आरडब्ल्यूए। अब तो विभिन्न राजनैतिक पार्टियों के नेता भी यह कहने लगे हैं कि डीडीए के इन संशोधनों से सीलिंग से बचना मुश्किल है। डीडीए के पूर्व अडिशनल कमिश्नर (टाउन प्लानिंग) व सिटी प्लानर आरजी गुप्ता का कहना है कि डीडीए के नए संशोधनों में एफएआर 350 करने और ग्राउंड फ्लोर पर पार्किंग स्पेस देने का संशोधन दिया गया है। गुप्ता के अनुसार यह छूट तो उस नई इमारत को ही मिल पाएगी, जिसका निर्माण कारोबारी गतिविधियों के लिए किया जाना है। नए निर्माण में ही एफएआर बढ़ाया जा सकता है और उसी के आधार पर पार्किंग स्पेस छोड़ा जा सकता है।

इस मसले पर एमसीडी के पूर्व मेयर सुभाष आर्य का कहना है कि जिन सड़कों में कमर्शल गतिविधियां चल रही हैं, उसकी तो हर फ्लोर का मालिक अलग-अलग है। बढ़े एफएआर के लिए ऐसी इमारतों का नए सिरे से निर्माण करना होगा और उसके बाद ही पार्किंग स्पेस भी निकल पाएगा। आर्य के अनुसार सीधी सी बात यह है कि डीडीए के इन संशोधनों का लाभ वर्तमान कमर्शल सड़कों को मिलने वाला नहीं है। एकीकृत एमसीडी की निर्माण समिति के पूर्व चेयरमैन जगदीश ममगांई ने भी डीडीए के प्रस्तावित संशोधनों को अपर्याप्त व अनवाश्यक बताया है। उनका कहना है कि इससे व्यापारियों को सीलिंग से मुक्ति नहीं मिलेगी, अवैध बिल्डर माफिया प्रोत्साहित होगा व दिल्ली और अधिक अनियोजित शहर के रूप में परिवर्तित होगा।

दूसरी ओर डीडीए ने मास्टर प्लान में प्रस्तावित संशोधन के लिए आज तक का दिन सुझाव व आपत्तियों के लिए निर्धारित किया है। बताते हैं कि डीडीए को करीब 400 आपत्ति व सुझाव मिल चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि आज शाम के बाद डीडीए उन लोगों को मोबाइल संदेश भेजेगा, जिनके साथ वह सीधी सुनवाई करेगा। सुबह तक की मिली जानकारी के अनुसार डीडीए कल जनसुनवाई करेगा, उसके बाद परसो बोर्ड की बैठक में वह अपने संशोधनों पर मुहर लगा देगा। बताते हैं कि डीडीए तक जो सुझाव पहुंचे हैं, उनमें पूरी पुरानी दिल्ली में सीलिंग एक्शन न करने के सुझाव दिए गए हैं। कुछ सुझावों में पूरे तौर पर कन्वर्जन चार्ज को माफ करने और की भी मांग की गई है। वैसे कई संशोधनों में यह कहा गया है कि कन्वर्जन चार्ज को अधिकतम 10 साल तक लिया जाए।

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