डबल्स मुकाबलों के लिए युवाओं को नहीं मिल रहा प्रोत्साहन: पोन्नप्पा

नई दिल्ली
देश में युगल बैडमिंटन खिलाड़ियों के साथ सौतेले व्यवहार से नाखुश अश्विनी पोन्नप्पा ने बुधवार को यहां कहा कि युवाओं को इस प्रारूप में खेलने के लिए प्रोत्साहन नहीं मिल रहा है। ज्वाला गुट्टा के साथ 2011 वर्ल्ड चैंपियनशिप में महिला युगल का कांस्य पदक जीतने वाली पोन्नप्पा ने कहा, ‘भारत ऐसा देश है, जहां युगल मुकाबलों पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता। हमारे देश में एकल खिलाड़ी बहुत अच्छा कर रहे हैं, लेकिन युगल खिलाड़ियों के लिए स्थिति बिल्कुल अलग है। उनके लिए प्रोत्साहन अलग है।’

पोन्नप्पा ने कहा, ‘यु्गल खिलाड़ी के तौर पर आप परिस्थितियों के उलट काम कर रहे हैं, जहां अगर आप बहुत अच्छा करते हैं, तब भी आपके प्रदर्शन पर ध्यान नहीं दिया जाता, आपको एकल खिलाड़ियों की तरह प्रायोजक नहीं मिलते इसलिए युवा युगल की जगह एकल खेल को चुनते हैं।’ पोन्नप्पा और दूसरे युगल खिलाड़ियों ने इससे पहले भारतीय बैंडमिंटन संघ (BAI) द्वारा जूनियर राष्ट्रीय टूर्नमेंट के एकल विजेताओं को कार देने और युगल खिलाड़ियों को नजरअंदाज करने की अलोचना की थी।

पोन्नप्पा ने प्रो. बैडमिंटन लीग से जुडे़ कार्यक्रम के इतर कहा, ‘जूनियर राष्ट्रीय में एकल विजेताओं को कार दिए गए, जबकि युगल मुकाबले के विजेता खाली हाथ रहे। ऐसे में एक खिलाड़ी के तौर पर आप क्या चुनेंगे, एकल या युगल?’ उन्होंने कहा, ‘भारत में सारा ध्यान एकल पर दिया जाता हैं और युगल मुकाबलों को तव्वजों नहीं दी जाती, आपका अंतिम उपाय… अगर एकल में चीजें ठीक नहीं चल रहीं होती, तब आप युगल का रुख करते है।’

उन्होंने कहा, ‘जब आप चीन, कोरिया और जापान को देखेगें, तो वहां कम से कम पांच खिलाड़ी वैश्विक स्तर पर अच्छा कर रहे होते है। राष्ट्रमंडल खेल 2010 में स्वर्ण पदक जीतने वाली इस खिलाड़ी ने कहा, ‘भारत के उलट दूसरे देशों में युगल खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जाता है। वहां खिलाड़ी युगल मुकाबले को आखिरी उपाय की तरह नहीं लेते हैं, बल्कि वह उनके लिए पहली पसंद की तरह होता है।’

उन्होंने कहा कि भारत में युगल मुकाबले इस लिए भी लोकप्रिय नहीं है, क्योंकि इससे कोई बड़ा खिलाड़ी नहीं निकलना और अब जो अच्छा कर रहा उसे प्रोत्साहन नहीं मिल रहा। उन्होंने कहा, ‘प्रकाश पादुकोण और गोपीचंद ने काफी समय पहले ऑल इंग्लैंड खिताब अपने नाम किए। युगल में ज्वाल गुट्टा और वी. दीजू सुपर सीरीज के फाइनल में पहुंचे लेकिन किसी ने उनकी चर्चा नहीं की।’

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