टेलिनॉर के अधिग्रहण से यूं मजबूत होगा एयरटेल

कल्याण पर्बत, कोलकाता
देश की दिग्गज टेलिकॉम कंपनी भारती एयरटेल की ओर से टेलिनॉर के अधिग्रहण किए जाने पर वह इंडस्ट्री की मौजूदा चुनौतियों से निपटने में सक्षम हो पाएगी। रिलायंस जियो की ओर से फ्री वॉइस कॉलिंग और डेटा सर्विसेज के बाद से मार्केट में उथल-पुथल क स्थिति है और इससे देश की सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी एयरटेल को भी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का कहना है कि टेलिनॉर का अधग्रहण करने से एयरटेल को अतिरिक्त 1800 Mhz बैंड में 4जी स्पेक्ट्रम मिल सकेगा।

इससे एयरटेल को पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश और गुजरात जैसे उन सर्किल्स में अपनी उपस्थिति मजबूत करने में मदद मिलेगी, जहां उसका औसत कमजोर है। टेलिनॉर के अधिग्रहण से एयरटेल को खासतौर पर आइडिया और वोडाफोन के विलय से बनने वाली कंपनी की चुनौती से निपटने में मदद मिलेगी।

ब्रोकरेज फर्म यूबीएस के मुताबिक, ‘टेलिनॉर के चलते एयरटेल को गुजरात, पश्चिम और पूर्वी यूपी में अतिरिक्त 4जी स्पेक्ट्रम मिल सकेगा। इससे कंपनी को स्पेक्ट्रम की अपनी क्षमता को बढ़ाने में मदद मिल सकेगी, जो आइडिया और वोडाफोन के विलय के बाद कमजोर पड़ सकती थी।’

भारती एयरटेल ने इस सप्ताह की शुरुआत में ही ऐलान किया था कि वह 1,650 करोड़ रुपये में टेलिनॉर के स्पेक्ट्रम्स को खरीदेगी। इसके अलावा उसके ऑपरेशनल कॉन्ट्रैक्ट्स का भी अधिग्रहण करेगी। टेलिनॉर की भारतीय यूनिट देश के 6 अहम सर्कल्स आंध्र प्रदेश, बिहार और झारखंड, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश (ईस्ट) और उत्तर प्रदेश (वेस्ट) में अपनी सेवाएं देती है।

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