गाजीपुर: किसानों ने सड़क पर फेंके सैंकड़ों क्विंटल आलू

गाजीपुर
किसान हमारा अन्नदाता है, बावजूद इसके आज किसान किस कदर परेशान है इसका नजारा गाजीपुर जिला मुख्यालय पर उस वक्त देखने को मिला, जब बड़ी संख्या मे किसान सैकड़ों क्विंटल आलू को सड़कों पर फेंकने लगे। ऐसा भी नहीं कि उन्हें आलू फेंकने से कोई फायदा होने वाला है।

दरअसल किसान यह आलू इसलिए फेंक रहे थे, ताकि प्रदेश सरकार द्वारा पहली बार आलू के समर्थन मूल्य को 487 रुपये प्रति क्विंटल से बढ़ाकर 1250 रुपये प्रति क्विंटल किया जाए। आलू किसानों का कहना था कि इसके उत्पादन में 650 रुपया प्रति क्विंटल की लागत के बाद भी उनको वाजिब कीमत नहीं मिल पा रही है।

किसान सभा से बड़ी संख्या में जुड़े किसान मंगलवार को सिर पर लाल टोपी लगाकर जिला मुख्यालय अपने वाहनों पर आलू लादकर पहुंचे। किसानों का कहना है कि आलू उगाने के लिए रात-रात भर जागकर खेतों मे पानी दिया। जब फसल तैयार हुई, तो अपने सुन्दर भविष्य और बिटिया के शादी के सपने देखते हुए उस आलू को कोल्ड स्टोर में रखा, ताकि समय आने पर इसका उचित मूल्य मिलेगा।

किसानों का कहना है कि वह अपने आलू का समर्थन मूल्य 1250 रुपये करने के लिए कई बार शासन और प्रशासन को पत्र लिखा। लेकिन उनके पत्र का जवाब आज तक नहीं मिला। जिसके बाद से किसान अपना आलू या तो कोल्ड स्टोरेज में सड़ने के लिये छोड़े या फिर क्या करे यह समझ में नहीं आ रहा है।

ऐसें में किसानों ने सोए हुए जिला प्रशासन और शासन को गहरी नींद से जगाने के लिए उस आलू को सड़कों पर फेंककर अपने गुस्से का इजहार किया है। किसानों की मांग है कि उन्हें समर्थन मूल्य 1250 रुपया मिले, क्योंकि फर्रुखाबाद के बाद आलू उत्पादन सबसे अधिक गाजीपुर मे किया जाता है।

किसानों के इस प्रदर्शन में किसान सभा के प्रदेश महामंत्री राजेंद्र यादव, रविंद्र,राम सिंह यादव और सोहन यादव सहित तमाम किसान मौजूद थे। किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए एसडीएम सदर विनय कुमार गुप्ता ने किसी तरह सबको समझाकर वापस भेजा।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

UP News in Hindi, उत्तर प्रदेश समाचार – Latest UP News in Hindi, Uttar Pradesh News