कॉल ड्रॉप पर कांग्रेस का सरकार पर अटैक

नर्इ दिल्ली

दिल्ली सहित देश भर में कॉल ड्रॉप की बढ़ती परेशानियों को देखते हुए दिल्ली प्रदेश कांग्रेस ने न सिर्फ सरकार से इस समस्या से निबटने के लिए कड़े कदम उठाने को कहा है, बल्कि टेलिकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी से प्राइवेट कंपनियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की मांग भी की है।

कांग्रेस की ओर से यह मांग पूर्व मंत्री व दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अजय माकन ने की है। मीडिया से बातचीत के दौरान माकन ने कहा कि दिल्ली में कॉल ड्रॉप की बढ़ती समस्याओं को देखते हुए आगामी मंगलवार को दिल्ली के जंतरमंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे।

कांग्रेस ने हालिया आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि देश के तमाम शहरों व महानगरों की अपेक्षा सबसे ज्यादा 17 फीसदी कॉल ड्रॉप रेट दिल्ली में है। कांग्रेस का कहना था कि अमूमन हर दस में से सात कॉल या तो बीच में कट जाती है या फिर कनेक्ट नहीं हो पातीं। माकन का कहना है कि केंद्र सरकार कंसलटेशन पेपर तैयार करने की आड़ में कंपनियों को वक्त दे रही है। कांग्रेस ने 6 मांगें रखी हैं।

माकन का कहना था कि कॉल ड्रॉप की परिभाषा तय की जाए। अगर दो पार्टियों के बीच बातचीत के दौरान उनकी मर्जी के खिलाफ कॉल कटे तो उसे कॉल ड्रॉप माना जाए। सरकार ट्राइ को निर्देश दे कि वह तुरंत प्राइवेट कंपनियों को आदेश देकर कॉल ड्रॉप की दर को कम कराए।

कांग्रेस ने कहा कि कंपनियों के सालाना रिव्यू की जगह वीकली रिव्यू होना चाहिए। माकन ने कहा कि सेलुलर कंपनियों को डिस्ट्रिब्यूटेड ऐंटेना सिस्टम व हीटरोजनेजियस नेटवर्क जैसे विकल्पों पर गौर करना चाहिए, जिनका अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इस्तेमाल हो रहा है। कांग्रेस ने तत्काल नैशनल टावर पॉलिसी बनाए जाने की मांग भी की। कांग्रेस ने सरकार के मोबाइल टावरों को सुरक्षित करार देने को लेकर भी निशाना साधा है।

आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हाल ही में कहा था कि मोबाइल टावर सुरक्षित हैं। माकन ने कहा कि अगर रवि शंकर प्रसाद को टावर सुरक्षित लगते हैं तो वे अपने घरों, ऑफिसों, मंत्रालयों में इन्हें क्यों नहीं लगवा लेते, क्योंकि कनेक्टिविटी और कॉल ड्रॉप की सबसे गंभीर समस्या तो लुटियन जोन में ही है।

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Navbharat Times