केजरीवाल ने पूरी रात सुना टेप, फिर मंत्री को हटाया

नई दिल्ली

शुक्रवार को जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने असीम अहमद खान को सचिवालय में अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया, उससे काफी पहले ही खान की तकदीर का फैसला कर लिया गया था।

सरकारी सूत्रों ने पुष्टि की है कि खान को जहां दोपहर 3.30 बजे सचिवालय बुलाया गया, वहीं सीएम केजरीवाल के 4 बजे आयोजित होने वाले प्रेस कॉन्फ्रेंस की जानकारी दोपहर 2.15 पर ही जारी कर दी गई थी। इसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में सीएम ने सार्वजनिक तौर पर खान को पद से हटाया।

एक सूत्र ने बताया, ‘मुख्यमंत्री केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया पूरी रात वह ऑडियो क्लिप सुनते रहे और उसे लिखते रहे। ऑडियो के आखिर तक पहुंचते-पहुंचते हम समझ गए थे कि खान मुसीबत में हैं और जब तक पूरा मामला साफ नहीं हो जाता है तब तक उन्हें मंत्री पद पर बने रहने की इजाजत नहीं दी जा सकती है। यह सच है कि उन्हें दोपहर 3.30 पर सचिवालय में बुलाया गया था, लेकिन ऑडियो रिकॉर्डिंग से साफ था कि उन्होंने पैसे की मांग की और सीएम केजरीवाल भी इस बात को लेकर साफ थे कि खान को अपना इस्तीफा देना ही होगा।’

यह पता चला है कि सीएम केजरीवाल और मनीष सिसोदिया ने खान के साथ सचिवालय में मुलाकात नहीं की। सूत्रों ने यह भी बताया कि पार्टी प्रवक्ता दीपक बजाज ने कहा कि रिकॉर्डिंग एक सबूत है और इसलिए उसे खान को नहीं सौंपा जा सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि रिकॉर्डिंग जांच एजेंसी को सौंप दी गई है।

सूत्र ने बताया, ‘हमने पहले खान से पूरे मामले के बारे में पूछा, लेकिन उन्होंने कुछ भी गलत करने से इनकार कर दिया। जब हमने उन्हें रिकॉर्डिंग सुनाई तो खान ने अपनी भूमिका स्वीकार कर ली। अब वह कह रहे हैं कि यह उनके खिलाफ साजिश के तहत किया जा रहा है। सच तो यह है कि हमें पिछले एक महीने से उनके खिलाफ शिकायतें मिल रही थीं और उन्हें कई मौकों पर चेतावनी भी दी गई थी। उस समय हमारे पास सबूत नहीं था और सबूत के बिना हम यही कर सकते थे। यह ऑडियो रिकॉर्डिंग हमारे हाथ लगा पहला ठोस सबूत था। सीएम केजरीवाल को गुरुवार दोपहर यह रिकॉर्डिंग मिली।’

खान के खिलाफ शिकायत अब आम आदमी पार्टी की अनुशासन समिति के पास है। इस मामले में 3 संभावित नतीजे निकल सकते हैं। हो सकता है कि खान को चेतावनी देकर छोड़ दिया जाए, या फिर उन्हें अस्थायी तौर पर सस्पेंड किया जा सकता है। तीसरी संभावना है कि उन्हें निष्कासित ही कर दिया जाए। बताया जा रहा है कि उन्हें निष्कासित किए जाने की संभावना ज्यादा है।

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