केजरीवाल उठाएंगे पीएम के सामने नो डिटेंशन पॉलिसी का मसला

नई दिल्ली
16 जुलाई को होने वाली इंटर स्टेट काउंसिल मीटिंग में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ‘नो डिटेंशन पॉलिसी’ का मसला उठाएंगे। सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल इस बात पर जोर दे सकते हैं कि जब लगभग सभी राज्य नो डिटेंशन पॉलिसी को हटाना चाहते हैं तो इसे तुरंत खत्म किया जाना चाहिए।

एजुकेशन पर बात:
सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल मीटिंग में यह मसला उठाएंगे कि नो डिटेंशन पॉलिसी (8 वीं तक किसी छात्र को फेल न करना) की वजह से छात्रों की पढ़ाई पर असर पर रहा है। दिल्ली सरकार ने इस संबंध में एक बिल पास कर केंद्र के पास भेजा भी है लेकिन केंद्र ने बिल को मंजूरी नहीं दी है। बिल के मुताबिक सभी छात्रों की परीक्षा ली जाएगी और पास न होने पर उसी क्लास में रखा जाएगा। गौरतलब है कि एचआरडी मिनिस्ट्री ने भी इस दिशा में पहल की है। लगभग सभी राज्यों ने नो डिटेंशन पॉलिसी हटाने में सहमति भी जताई है।

दिल्ली को कम फंड क्यों:
दिल्ली सरकार के सूत्रों के मुताबिक केजरीवाल पीएम नरेंद्र मोदी के सामने दिल्ली को कम फंड मिलने की शिकायत भी करेंगे। वह इस आंकड़े को सामने रखेंगे कि दिल्ली केंद्र सरकार को हर साल करीब डेढ़ लाख करोड़ रुपये का टैक्स देती है लेकिन बदले में केंद्र सरकार की तरफ से दिल्ली को सालाना महज 325 करोड़ रुपए का बजट मिलता है। सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल इसका भी जिक्र कर सकते हैं कि केंद्र को राज्य के बीच फंड कैसे बांटना चाहिए इसका एक फॉर्म्युला है लेकिन केंद्र सरकार दिल्ली को यह कहकर इस फॉर्म्युले के तहत फंड नहीं देती कि दिल्ली केंद्र शासित है।

केजरीवाल इस बात पर जोर दे सकते हैं कि केंद्र शासित होने के नाते केंद्र को दिल्ली पर ज्यादा ध्यान देना चाहिए और दिल्ली को उसके हक का सालाना साढ़े पांच हजार करोड़ रुपए मिलना चाहिए। सूत्रों का कहना है कि केजरीवाल MCD को केंद्र की तरफ से मिलने वाले फंड का मसला भी उठा सकते हैं। यह फंड केंद्र से सीधे MCD के पास आता है लेकिन दिल्ली सरकार का कहना है कि MCD को काफी कम फंड दिया जाता है जबकि MCD को केंद्र से साढ़े चार हजार करोड़ रुपए मिलने चाहिए।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

दिल्ली समाचार, खबर, हिन्दी Political News Delhi