केंद्रीय भंडार के स्टोर्स पर 15 अक्टूबर से बिकेगी सस्ती अरहर दाल

नई दिल्ली

अरहर दाल की आसमान छूती कीमत पर अंकुश लगाने और इसकी उपलब्धता बढ़ाने के लिए सरकारी उपक्रम केंद्रीय भंडार 15 अक्टूबर से राजधानी स्थित अपने 100 बिक्री केंद्रों पर आयातित अरहर दाल की बिक्री करेगा। हालांकि, मदर डेयरी के 300 सफल केंद्रों पर इसकी बिक्री सप्ताह के अंत तक शुरू होगी।

देश में दलहन आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकारी उपक्रम एमएमटीसी ने 2,000 टन तुअर दाल के आयात की ताजा निविदा जारी की है जिसे अगले माह प्रेषित किया जाएगा। उपभोक्ता मामलों के सचिव सी विश्वनाथ की अगुवाई में हुई सोमवार यहां हुई अंतर मंत्रालयी समिति की बैठक में इन फैसलों के बारे में जानकारी दी गई। बैठक में खाद्य एवं कृषि मंत्रालय के साथ साथ एमएमटीसी, मदर डेयरी और केंद्रीय भंडार के अधिकारी भी उपस्थित थे।

खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, केंद्रीय भंडार ने सूचित किया कि उसने 15 अक्टूबर 2015 से दिल्ली स्थित अपने सभी बिक्री केंद्रों पर आयातित तुअर दाल उपलब्ध कराने की सारी व्यवस्था कर ली है। सप्ताहांत तक सफल भी अपने बिक्री केंद्रों के जरिए दाल की बिक्री करेगा।

खाद्य मंत्रालय के अधिकारी ने कहा कि उक्त दो एजेंसियां 69 रुपये किलो की सब्सिडी प्राप्त दर पर एमएमटीसी से आयातित दाल का उठाव करेगी। इसके बाद एजेंसियां ही प्रसंस्करण और अन्य शुल्कों को जोड़ने के बाद अंतिम बिक्री मूल्य तय करेंगी।

बयान में कहा गया है कि दलहन की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए आयातित दालें राज्यों को उनके अनुरोध पर आवंटित की जाएंगी। आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु को आवंटन कर दिया गया है।

बैठक में एमएमटीसी ने सूचित किया कि उसने 2,000 टन अतिरिक्त तुअर दाल के आयात के लिए निविदा जारी कर दी है। इसमें कहा गया है, ‘इस बोली को 16 अक्टूबर 2015 को खोला जाएगा। सफल बोलीदाता को नवंबर 2015 तक भारतीय बंदरगाह पर तुअर दाल की आपूर्ति सुनिश्चित करनी होगी।’

एमएमटीसी ने 5,000 टन तुअर दाल के आयात के लिए अनुबंध किया है जिसमें से 3,250 टन दाल चेन्नै और मुंबई बंदरगाह पर पहुंच गई है। शेष स्टॉक जल्द ही आने की उम्मीद है। इस सार्वजनिक उपक्रम कंपनी ने अलग से 5,000 टन उड़द दाल के लिए अनुबंध किया है।

समिति का यह भी रुख था कि घरेलू के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आवश्यक खाद्य जिंसों की उपलब्धता और मांग के बारे में अनुमान व्यक्त करने के लिए जिसों के कारोबार से जुड़ी एक स्वतंत्र विशेषज्ञ एजेंसी को भी इस काम में शामिल किया जा सकता है।

बयान में कहा गया है, ‘इससे समय रहते संबंधित सरकारी एजेंसियों द्वारा प्रभावी बाजार हस्तक्षेप की योजना बनाने में मदद मिलेगी।’ समिति को यह भी सूचित किया गया कि खुदरा कीमतों में कमी लाने के लिए आयातित प्याज सरकारी एजेंसियों को आवंटित किया जा रहा है।

उल्लेखनीय है कि प्याज की कीमतों में हाल में काफी कमी आई है। पिछले एक साल के दौरान दलहनों के दाम 75 प्रतिशत तक बढ़ गए। घरेलू दलहन उत्पादन में करीब 20 लाख टन की कमी आई है जो कि फसल वर्ष 2014-15 (जुलाई से जून) के दौरान एक करोड़ 72 लाख टन रह गया। कमजोर मॉनसून और बेमौसमी वर्षा से दलहन उत्पादन में कमी रही। भारत दुनिया में दलहन का सबसे बड़ा आयातक देश है।

वर्ष 2014-15 में देश में 45.8 लाख टन दालों का आयात किया गया जबकि इससे पहले 31.7 लाख टन दालों का आयात किया गया था।

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