काला धनवालों पर नरम हुई सरकार? जुर्माने में 14% की छूट

नई दिल्ली
मोदी सरकार ने काला धन रखने वाले नागरिकों को अपने काले धन और छिपाई हुई संपत्तियों के बारे में बताने पर उनके खिलाफ नरम रुख अपनाने करने का निर्णय किया है। इन नियमों के मुताबिक सरचार्ज और पेनल्टी के साथ लगने वाला कर अब 31% की दर पर भुगतान किया जा सकेगा, जो कि आय घोषणा योजना- 2016 में 45% थी। इस निर्णय के साथ सरकार ने यह भी साफ कर दिया कि वह किसी भी प्रकार से छिपाई गई आय के स्रोत के बारे में नहीं पूछेगी।

उदाहरण के तौर पर अगर एक व्यक्ति अपनी 100 करोड़ रुपये की गुप्त संपत्तियों के बारे में बताता है, तो वर्तमान स्कीम के अनुसार लगने वाला टैक्स 45 करोड़ होगा और बची 55 करोड़ रुपये की राशि कानूनी आय मानी जाएगी। हालांकि यदि सरकार घोषणाकर्ता से आय के स्रोत के बारे में सवाल नहीं करती है तो अघोषित कुल आय 145 (100+45) करोड़ होगी, जिस पर 45 करोड़ रुपये का टैक्स लगाने पर दर कम होकर 31% तक आ जाती है।

सरकार ने 30 जून को दिए गए स्पष्टीकरण में कहा कि टैक्स डिपार्टमेंट गुप्त आय की घोषणा करने वाले लोगों से आय के स्रोत, टैक्स के भुगतान, सरचार्ज और पेनल्टी के बारे में कोई भी जांच नहीं करेगा। सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि वह घोषणाकर्ता की किसी भी तरह की जानकारी अन्य प्रवर्तन एजेंसियों से साझा नहीं करेगी। स्पष्टीकरण के अनुसार गुप्त आय की श्रेणी के बारे में जानकारी लेने का मतलब अघोषित आय के स्रोत जानने से अलग है।

केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा जारी एक सर्कुलर में कहा है, ‘आय के स्रोत के बारे में बताने की कोई आवश्यकता नहीं है।’ CBDT ने यह भी साफ कर दिया कि भ्रष्टाचार की कमाई को इस स्कीम का लाभ नहीं मिल पाएगा। लेकिन जहां तक बात आय के साधनों की है तो इस बारे में कोई सवाल नहीं किया जाएगा। सरकार को उम्मीद है कि इस योजना के साथ अधिक से अधिक लोग अपनी छिपाई गई संपतियों के बारे में सरकार को बताएंगें।

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