कस्टम ड्यूटी की हेरफेर के मामले में भी नीरव मोदी के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट

दिल्ली
सूरत के मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रेट की कोर्ट ने नीरव मोदी के खिलाफ 48.21 करोड़ की कस्टम ड्यूटी की हेरफेर के मामले में अरेस्ट वॉरंट जारी किया है। इस मामले की जांच डायरेक्टरेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस यानी डीआरआई ने की है।

दरअसल 2014 में डीआरआई के समक्ष तराशे और पॉलिश्ड हीरो के एयर कार्गो कॉमप्लेक्स, सहर की हांगकांग और दुबई जाने की घोषणा की गई थी, लेकिन यह घोषणा गलत थी। इन 6 कंसाइनमेंट की घोषित कीमत भी 43.10 करोड़ थी जबकि सरकारी मूल्यांकक ने इसकी कीमत का अनुमान 4.93 करोड़ लगाया था। नीरव मोदी की तीन कंपनियों ने ड्यूटी फ्री तराशे एंव पॉलिश्ड हीरे और मोती के माल को खुले बाजार में डायवर्ट कर दिया।

बता दें कि नीरव मोदी भारतीय डायमंड मर्चेंट हैं जो फरवरी 2018 में पंजाब नेशनल बैंक में हुए घोटाले के भी आरोपी हैं। नीरव मोदी भारत छोड़कर जा चुके हैं। नीरव मोदी पर पंजाब नेशनल बैंक में 12 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का घोटाला करने का आरोप है। नीरव मोदी कथित रुप से जनवरी में देश छोड़ चुका है।

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नीरव मोदी को पकड़ने के लिए सीबीआई ने इंटरपोल की मदद मांगी है। नीरव मोदी के खिलाफ इंटरपोल नोटिस जारी कर चुका है। नीरव मोदी फायरस्टार डायमंड कंपनी के फाउंडर हैं जो एक साल में 200 करोड़ डॉलर (13 हजार करोड़ रुपए) से ज्यादा कारोबार का दावा करती है।

नीरव मोदी ने बाद में नीरव मोदी ब्रैंड के नाम से मुंबई, हांगकांग, लंदन, न्यूयॉर्क और मकाऊ में बड़े स्टोर खोले थे। फोर्ब्स के मुताबिक 2017 में नीरव मोदी की कुल दौलत 180 करोड़ डॉलर (करीब 11, 700 करोड़ रुपए) थी। इनकी कंपनी का मुख्यालय मुंबई में है। मार्च 2018 में नीरव मोदी ने न्यूयॉर्क में बैंकरप्सी प्रोटेक्शन के तहत याचिका दायर की थी।

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