कभी ऐसी दिखती थीं ‘बिग बी’ की ऑनस्क्रीन मां, किया एक्शन फिल्मों में काम

एंटरटेनमेंट डेस्क. साल 1931 में गुजरात के वलसाड़ में एक मिडिल क्लास फैमिली में जन्मी निरूपा रॉय की गिनती बॉलीवुड के सबसे संजीदा कलाकारों में होती है। अपने पांच दशक लंबे करियर में उन्होंने लगभग 300 फिल्मों में एक्टिंग की।   धार्मिक फिल्मों से बनाई पहचान निरूपा ने फिल्म में अपनी शुरूआत 1946 में आई गुजराती फिल्म ‘गणसुंदरी’ से की। लेकिन 'हमारी मंजिल' उनकी पहली हिंदी फिल्म थी। साल 1951 में आई फिल्म ‘हर हर महादेव’ में उनके पार्वती के किरदार को लोगों ने बहुत सराहा और इसके फौरन बाद जब वह ‘वीर भीमसेन’ में द्रोपदी के किरदार में आईं, तो व्यूअर्स उनकी एक्टिंग के कायल हो गए। शुरुआती दौर में उन्होंने फिल्म में देवियों के किरदार के रूप में अपनी पहचान बनाई।   1951 में आई 'सिंदबाद दी सेलर' में उन्हें ऐसी युवती का रोल मिला, जो तलवार चलाती है और मारधाड़ करती है। पचास और साठ के दशक में निरूपा ज्यादातर धार्मिक फिल्मों में ही नजर आई। 1953 में रिलीज हुई बिमल राय की ‘दो बीघा जमीन’ उनके लिए मील का पत्थर साबित हुई।   बिग बी की ऑनस्क्रीन मां 1975 में रिलीज हुई…

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