औरों की जान बचाते हुए दे दी अपनी जान, 2 बच्चियों को कानेइगी मेडल
|अपने से छोटे बच्चों की जान बचाते हुए अपनी जान गंवाने वाले 2 बच्चों को मरणोपरांत पेन्सिलवेनिया में वीरता पुरस्कार से सम्मानित किए जाने की घोषणा की गई है। इन दोनों बच्चों का नाम इस साल वीरता पुरस्कार पाने वाले 21 लोगों की सूची में शामिल है। इन्हें बेमिसाल वीरता दिखाने के लिए कानेइगी मेडल दिया जाएगा।
कानेइगी हीरो फंड कमिशन पिट्सबग की एक संस्था है। इन पुरस्कारों की घोषणा मंगलवार को की गई। 11 साल की नाडली मार्टिन विसकॉन्सन प्रांत की रहने वाली थीं। 26 जनवरी 2016 में उनके घर में आग लग गई। नाडली ने अपनी 9 साल की छोटी बहन जेना को सुरक्षित जलते घर से बाहर निकाला। घर में आग लगी थी और घर के अंदर नाडली के 2 और भाई अंदर फंसे थे। 10 साल का बेंजमन और 7 साल का कार्टर माकी आग के कारण खुद बाहर नहीं आ पा रहे थे। जेना को बाहर निकालने के बाद नाडली फिर उस जलते घर में वापस गईं। नाडली ने बेंजमन और कार्टर को बचाने की बहुत कोशिश की, लेकिन वह कामयाब नहीं हो सकीं। तीनों आग में फंस गए और उनकी मौत हो गई।
10 साल की कीरा लारसन कैलिफोर्निया में रहती थीं। 22 फरवरी को एक बच्चे की जान बचाते हुए उनकी मौत हो गई थी। उन्होंने सड़क पर एक 2 साल के बच्ची एमॉ की जान बचाई थी। कीरा ने देखा कि पार्किंग में खड़ी एक गाड़ी अचानक ढलान पर नीचे उतर रही है। रास्ते में ही एमॉ खड़ी थी और अगर उसे हटाया नहीं जाता, तो वह गाड़ी के नीचे आकर कुचली जाती। उसे बचाने की कोशिश करते हुए कीरा खुद कार के नीचे आ गईं और मारी गईं। कीरा के लिए वह बच्ची अनजान थी, लेकिन इसके बावजूद उसकी जान बचाने के लिए उन्होंने अपनी जान की परवाह नहीं की।
ऐंड्रू कानेइगी ने अपनी पूरी जायदाद समाजसेवा के लिए दान कर दी थी…
यह कमिशन स्टील के कारोबारी ऐंड्रू कानेइगी के नाम पर बनाया गया है। ऐंड्रू बहुत बड़े उद्योगपति और समाजसेवक थे। अमेरिका की स्टील इंडस्ट्री में उन्होंने अपना बहुत बड़ा कारोबार खड़ा किया। फिर साल 1901 में उन्होंने रिटायरमेंट ले ली और अपनी पूरी जायदाद समाजसेवा के लिए दान कर कर दी। उन्होंने पुस्तकालय, शिक्षा और कला के क्षेत्र में बहुत योगदान दिया है। कोयले की एक खदान में हुए हादसे में 2 लोगों द्वारा दिखाई गई बहादुरी के कारनामे सुनकर ऐंड्रू काफी प्रभावित हुए थे। इस हादसे में 181 लोग मारे गए थे। मरने वालों में एक मजदूर और एक इंजिनियर भी शामिल थे। ये दोनों वहां फंसे लोगों की जान बचाते हुए मारे गए थे। उनकी कहानी से प्रभावित होकर ही ऐंड्रू ने कानेइगी हीरो फंड कमिशन बनाया।
यह कमिशन अपनी जान जोखिम में डालकर भी लोगों की मदद करने वालों को वीरता मेडल और नकद इनाम देता है। कमिशन की स्थापना साल 1904 में हुई थी। तब से लेकर अब तक यह कमिशन 9,914 लोगों को वीरता सम्मान दे चुका है। इन मृतकों को दी जाने वाली नकद राशि में कमिशन करीब ढाई अरब रुपये बांट चुका है।
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