एनपीए का नया प्रावधान छोटे उद्योगों के लिए कठोर: नीति आयोग उपाध्यक्ष

मुंबई
नीति आयोग के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने एनपीए पर रिजर्व बैंक के नए प्रावधान को छोटे और मझोले उद्योगों के लिए काफी कठोर करार दिया। आरबीआई ने लोन चुकाने में तय समय से अधिक देरी के एक दिन के भीतर सूचित करने का प्रावधान किया है।

राजीव कुमार ने कहा कि ऐसे उद्योगों की सुविधा के लिए अधिक समय दिया जाना चाहिए। रिजर्व बैंक ने फंसे कर्ज के लिए 12 फरवरी को जारी संशोधित रूपरेखा में कहा कि कर्ज-ब्याज भुगतान में देरी होने पर उसे अगले एक दिन के भीतर ही सूचित करना होगा। बंबई शेयर बाजार के एक कार्यक्रम में कुमार ने कहा , ‘मुझे निजी तौर पर लगता है कि एनपीए की एक ही दिन के भीतर जानकारी देने का प्रावधान सही नहीं है। मुझे लगता है कि इसे लंबा होना चाहिए, खासकर एसएमई के लिए।’

उन्होंने कहा , ‘अधिकतर ऐसा होता है कि उन्हें (एसएमई) अपने ग्राहकों से समय पर भुगतान नहीं मिलता है। भुगतान में इस तरह की देरी से हो सकता है कि वे इस प्रावधान का अनुपालन नहीं कर सकें। मुझे लगता है कि यह कठोर है।’ रिजर्व बैंक के नए दिशानिर्देशों को काफी कड़ा मानते हुए बैंकों ने इस मामले में कुल राहत दिए जाने को कहा और इसे रिपोर्टिंग का समय एक दिन के बजाय 30 दिन किए जाने पर जोर दिया। लेकिन रिजर्व बैंक ने अपने 12 फरवरी के सर्कुलर में कोई रियायत देने से इनकार कर दिया।

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