‘इराक-सीरिया छोड़ अफगानिस्तान को अपना गढ़ बनाने में जुटा ISIS, मध्य एशिया पर है नजर’

काबुल
इस्लामिक स्टेट (ISIS) अब मध्यपूर्व एशिया से बाहर निकलकर अफगानिस्तान पर ध्यान देना चाहता है। कॉमलवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स के आतंकवाद निरोधी केंद्र (ATC) के प्रमुख कर्नल जनरल आंद्रे नोविकोव ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की 2 समितियों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि अब ISIS इराक और सीरिया की जगह अफगानिस्तान को अपनी गतिविधियों का केंद्र बनाने की कोशिश कर रहा है। मालूम हो कि हाल ही में ISIS आतंकियों ने तालिबान को हराकर सामरिक दृष्टि से बेहद अहम माने वाले तोरा-बोरा के कई अहम हिस्सों पर नियंत्रण स्थापित कर लिया है। हाल ही में पेंटागन ने भी अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि इस समय दुनिया में किसी भी और जगह के मुकाबले अफगानिस्तान में सबसे ज्यादा आतंकवादी संगठनों का जमावड़ा है। मालूम हो कि पेंटागन अमेरिकी रक्षा विभाग का मुख्यालय है।

अफगानिस्तान: तालिबान को हरा ISIS ने ओसामा का गढ़ रहे तोरा बोरा पर किया कब्जा

रशिया की न्यूज एजेंसी TASS ने नोविकोव के हवाले से बताया कि तालिबान सहित अफगानिस्तान में पहले से सक्रिय आतंकवादी व कट्टरपंथी संगठनों पर जीत हासिल कर ISIS अब अफगानिस्तान को अपना नया केंद्र बनाने की कोशिश कर रहा है। ऐसा करके ISIS अब सेंट्रल एशिया में अपना प्रभाव फैलाना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘ISIS अब इराक और सीरिया के युद्ध से बाहर निकलकर कट्टरपंथ और आतंकवाद के एक नए मॉडल को मध्य एशिया के देशों में फैलाना चाहता है।’ उन्होंने कहा कि मध्य एशियाई देशों से सटी हुई अफगान सीमा के पास देश के उत्तरी इलाकों में तालिबान की बढ़ती सक्रियता और आतंकी गतिविधियां संकेत करती हैं कि कुछ तालिबानी कमांडरों ने ISIS के साथ हाथ मिला लिया है।

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कर्नल नोविकोव ने UN कमिटी को संबोधित करते हुए ध्यान दिलाया कि तालिबान ने कभी अफगानिस्तान के बाहर किसी इलाके पर अपना दावा नहीं किया। वहीं, ISIS ने 2015 में ही एक नए प्रांत के गठन की घोषणा की थी और अफगानिस्तान को इसका केंद्र बताया था। इसमें मध्य एशिया के देश भी शामिल थे। कर्नल नोविकोव ने कहा, ‘अफगानिस्तान में हुए युद्धों की समीक्षा करने पर पता चलता है कि वहां के स्थानीय चरमपंथी संगठन न केवल रणनीति तैयार कर रहे हैं, बल्कि सामरिक सैन्य योजना भी बना रहे हैं। इससे पहले केवल ISIS ही ऐसा कर रहा था।’ कर्नल ने कहा कि तालिबान खुद भी अफगानिस्तान के बड़े-बड़े रिहायशी इलाकों को अपने कब्जे में लेकर इसके आसपास के इलाकों पर नियंत्रण स्थापित करने की कोशिश कर रहा है।

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अफगानिस्तान में पिछले काफी समय से तालिबान और ISIS के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। ISIS यहां के उत्तरी क्षेत्रों में अपना प्रभाव फैलाने की कोशिशों में जुटा हुआ है, ताकि उसे मध्य एशियाई देशों के सीमांत इलाकों तक पहुंचने में आसानी हो। ISIS की नजर चीन के शिनजांग प्रांत पर भी है, जहां पिछले काफी समय से उइगर मुसलमानों पर जुल्म की खबरें आ रही हैं। इससे पहले 20 जून को पेंटागन ने अपनी अफगान रिपोर्ट में कहा था कि अफगानिस्तान में स्थितियां काफी गंभीर हो चली हैं। इस रिपोर्ट में यह भी बताया गया था कि अमेरिका और अफगान प्रशासन तालिबान के साथ शांति वार्ता करने की कोशिश कर रहा है। बकौल पेंटागन, अफगानिस्तान को 20 से भी ज्यादा आतंकवादी व चरमपंथी संगठनों से खतरा है।

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