इन्फोसिस संस्थापक नारायण मूर्ति ने सीओओ प्रवीण राव को मिले हाइक को बताया गलत

बेंगलुरु
इन्फोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने कहा है कि फरवरी में बोर्ड की मंजूरी से चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) प्रवीण राव को दिया गया कॉम्पेंसेशन हाइक सही नहीं था। उन्होंने कहा कि इससे मैनेजमेंट और बोर्ड से कर्मचारियों का भरोसा कम होगा।

पीटीआई को भेजे एक ईमेल में मूर्ति ने कहा, ‘ऐसे फैसलों का असर यह होगा कि कर्मचारियों का मैनेजमेंट और बोर्ड से भरोसा उठ जाएगा। ऐसे समय में जब कंपनी के अधिकतर कर्मचारियों को 6-8 फीसदी ही वृद्धि दी गई, एक टॉप लेवल के व्यक्ति को 60-70 फीसदी (वेरिएबल पे सहित) की वृद्धि देना मेरे विचार से ठीक नहीं।’

हालांकि नारायण मूर्ति ने यह भी कहा कि प्रवीण के लिए उनके मन में बहुत स्नेह है। उन्होंने कहा, ‘मैंने 1985 में प्रवीण की नियुक्ति की थी और तब से उसे आगे बढ़ाया। जब 2013 में मैं वापस आया तो वह साइडलाइन हो चुका था। यहां तक कि वह एग्जिक्युटिव काउंसिल में भी नहीं है। मैंने उसे प्रेरित किया। उसे आगे बढ़ाया और जब विशाल सिक्का को सीईओ बनाया तो प्रवीण को सीओओ बनाया।’

इन्फोसिस के मूल्यों के बारे में बताने के साथ मूर्ति ने कहा कि कंपनी की स्थापना के बाद वह अपनी पिछली नौकरी के मुकाबले सिर्फ 10 फीसदी ही वेतन ले रहे थे, जबकि उन्होंने अपने सहयोगी और जूनियर साथियों को पिछली नौकरी से 20 फीसदी अधिक वेतन दिया।

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