‘आप’ की नैशनल काउंसिल: मीटिंग में दिखी तूफान से पहले की शांति

नई दिल्ली
दिल्ली की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी की नैशनल काउंसिल की मीटिंग में गुरुवार को तलवारें खिंची दिखीं, लेकिन चली नहीं। पार्टी के संस्थापक सदस्य कुमार विश्वास के विरोधी विधायक अमानतुल्ला खान की वापसी और उनका नाम वक्ताओं की सूची से हटाए जाने के बाद माना जा रहा था कि इस बैठक में हंगामा हो सकता है। हालांकि पार्टी में खुलकर कोई हंगामा नहीं हुआ, लेकिन दोनों ही पक्ष इशारों-इशारों में अपनी चालें चलते दिखे। हालांकि पार्टी के जानकारों का मानना है कि यह विवाद टल जरूर गया है, लेकिन थमा नहीं है। जल्दी ही कुमार विश्वास और पार्टी नेतृत्व के बीच खींचतान का अगला दौर देखने को मिल सकता है।

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इससे पहले 2015 में नैशनल काउंसिल की मीटिंग में ही प्रशांत भूषण और योगेंद्र यादव को पार्टी से बाहर कर दिया गया था। हालांकि इस बार ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला। लेकिन, मीटिंग के बाद पहला वार कुमार विश्वास ने किया। उन्होंने कहा कि 2012 के बाद यह पहला मौका है, जब उनका नाम वक्ताओं की सूची से बाहर था। विश्वास ने पीटीआई से कहा, ‘मेरा नाम वक्ताओं की सूची में शामिल नहीं था और मुझे वॉलंटियर्स को संबोधित नहीं करने दिया गया। जब राज्य के प्रभारियों को बोलने के लिए कहा गया तो मुझे भी मौका दिया गया, लेकिन मैंने कहा कि फिलहाल मेरे पास कहने के लिए कुछ नहीं है।’

पार्टी ने कहा, दिया गया था बोलने का मौका
हालांकि पार्टी ने इस बात से इनकार किया है कि उन्हें संबोधन का मौका नहीं दिया गया। पार्टी की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने कहा, ‘उन्हें राजस्थान में पार्टी की तैयारियों को लेकर बोलने को कहा गया था। उन्होंने एक बार नहीं, बल्कि दो बार बोले।’ विश्वास ने पार्टी के दावे को खारिज करते हुए कहा, ‘मैं सोचता था कि बीजेपी और कांग्रेस ही मेरे बोलने से डरते हैं। लेकिन, यहां कुछ और लोग हैं, जो मेरे मुंह खोलने से डरते हैं।’

पंजाब और गोवा चुनावों के बाद से निशाने पर हैं विश्वास
कवि और राजनेता कुमार विश्वास पार्टी के उन नेताओं में से हैं, जिनका कार्यकर्ताओं पर अच्छा प्रभाव माना जाता है। पंजाब और गोवा के विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार पर सवाल उठाने के बाद से ही कुमार विश्वास और पार्टी नेतृत्व में खींचतान चल रही है। यह झगड़ा उस वक्त ज्यादा बढ़ गया था, जब अरविंद केजरीवाल के करीबी कहे जाने वाले दिल्ली के ओखला से विधायक अमानतुल्ला खान ने कुमार विश्वास को ‘आरएसएस का एजेंट’ करार देते हुए उन पर पार्टी को विभाजित करने के प्रयास का आरोप लगाया था।

पार्टी से बाहर होकर भी गुडबुक में थे अमानतुल्ला
इस पर कुमार विश्वास ने गहरी नाराजगी जताई थी, जिस पर अमानतुल्ला को पार्टी से निलंबित कर दिया गया था, लेकिन वह कभी लीडरशिप की गुडबुक से बाहर नहीं हुए थे। निलंबन के बाद भी वह दिल्ली विधानसभा के महत्वपूर्ण पैनलों में बने हुए थे। यही नहीं अमानतुल्ला खान की ओर से आयोजित इफ्तार पार्टी में भी अरविंद केजरीवाल शामिल हुए थे। गौरतलब है कि सोमवार को ही अमानतुल्ला का पार्टी से निलंबन वापस ले लिया गया था।

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