अस्पतालों में लोगों को नहीं होने दें परेशानी : CM केजरीवाल

नई दिल्ली
दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में अब मरीजों को फ्री दवाई के साथ प्राइवेट अस्पतालों में फ्री जांच और सर्जरी जैसी सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ा तो इसके लिए स्वास्थ्य अधिकारी नप सकते हैं। मरीजों की शिकायतों का निवारण नहीं होने पर संबंधित अधिकारी को सुबह 9 बजे मुख्यमंत्री के घर पर पहुंच कर इसका कारण बताना होगा। अधिकारी के साथ प्रधान सचिव को भी आना होगा। बुधवार को रिव्यू मीटिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने साफ किया कि सरकार के तरफ से दी जा रही मुफ्त दवाएं, जांच, सर्जरी आदि योजनाओं को 100 फीसदी लागू करना होगा।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सरकारी अस्पतालों में दवाइयों की उपलब्धता के लिए जारी किए गए हेल्पलाइन नंबर (1031) के कामकाज की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान पाया कि कई जगहों पर हेल्पलाइनों पर की जा रही शिकायतों पर सुनवाई नहीं हो रही है। मरीजों और उनके परिजनों को फ्री दवाई, जांच, सर्जरी, सहित अन्य सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ रहा है।

बैठक के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन, प्रधान स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव, सभी चिकित्सा अधीक्षक और अस्पतालों में बनाए गए नोडल अधिकारियों को निर्देश दिया है कि दिल्ली के अस्पतालों में जो भी कमियां सामने आ रही है उसे दूर किया जाए। सभी अस्पतालों में हेल्पलाइन नंबर का प्रचार किया जाए, ताकि लोगों तक यह नंबर पहुंच सके। हेल्पलाइन से संबंधित डाटा हर शाम मुख्यमंत्री कार्यालय पर भी भेजा जाए। उनके अनुसार जो अधिकारी शिकायतों को दूर करने में विफल होते हैं उन्हें सुबह 9 बजे मुख्यमंत्री आवास पर कारण बताने आना होगा।

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