अमेरिकी राजदूत को बंधक बना रहा पाकिस्तान?

चिदानंद राजघट्टा, वॉशिंगटन
एक समय के जिगरी दोस्त रहे अमेरिका और पाकिस्तान के रिश्तों में आई खटास दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। दोनों देशों के बीच उपजा राजनयिक विवाद अब और बढ़ गया है। इसी कड़ी में पाकिस्तान ने अमेरिकी राजदूत को लगभग बंधक बनाकर ही रख लिया है। पाकिस्तान ने पहले तो राजदूत को अमेरिकी सैन्य विमान से स्वदेश लौटने नहीं दिया और अब इस राजदूत को अमेरिकी दूतावास में एकांत में रखा गया है जहां दोनों तरफ ताले लगे हैं।

इस हफ्ते ही अमेरिका ने अपने राजदूत कर्नल जोसफ इमैनुअल हॉल की वापसी के लिए विमान भेजा था लेकिन इस्लामाबाद ने ऐसा नहीं होने दिया। हॉल पर आरोप है कि उन्होंने 7 अप्रैल को पाकिस्तान में रेड लाइट क्रॉस की और उनकी एसयूवी से टकराकर बाइकसवार पाकिस्तानी नागरिक की मौत हो गई।

हॉल के परिचय पत्र से पता लगा कि वह राजदूत हैं और इसलिए उन्हें कई छूट प्राप्त हैं। यह केस स्थानीय अदालतों में फंसा है लेकिन पाकिस्तान इस मामले को यूं ही जाने देने के मूड में नहीं है। इस्लामाबाद चाहता है कि अगर वॉशिंगटन राजदूत को मिली छूट वापस नहीं लेता है ताकि उसपर मुकदमा चलाया जा सके तो कम से कम अमेरिका यह भरोसा दिलाए कि डिप्लोमैट पर देश वापस जाने के बाद कोर्ट केस चलाया जाएगा।

हालांकि, कट्टरपंथी पाकिस्तानी इस बात पर जोर दे रहे हैं कि राजदूत पर इस्लामाबाद में ही मुकदमा चले। शनिवार को ट्रंप और पाकिस्तानी प्रशासन के बीच इस मसले पर सहमति बनी और राजदूत को निकालने के लिए C-130 मिलिटरी प्लेन अफगानिस्तान के बगराम एयरफोर्स बेस ने से रावलपिंडी के नूर खान एयरबेस पर उतरा।

लेकिन इसकी जानकारी पाकिस्तानी मीडिया में लीक हो गई और पूरे देश में फैल गई। जब कर्नल हॉल अमेरिकी दूतावास के 8 अन्य लोगों के साथ एयरबेस तक पहुंचे, उन्हें विमान में बैठने की मंजूरी नहीं मिली, ऐसा स्पष्ट रूप से पाकिस्तान के कट्टरपंथी तत्वों के आदेश पर हुआ। विमान को अंततः वापस बगराम भेज दिया गया।

दोनों ही पक्षों ने इस मसले पर किसी भी तरह की टिप्पणी देने से इनकार कर दिया, लेकिन डॉन अखबार ने रविवार एक खबर छापी जिसका शीर्षक था ‘US diplomat’s bid to fly out of Pakistan foiled’। यानी अमेरिकी राजदूत की पाकिस्तान से बाहर जाने की कोशिश नाकाम।

इससे एक दिन पहले ही इस्लामाबाद हाई कोर्ट ने पीड़ित अतीक बेग के पिता की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें सरकार से डिप्लोमैट को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डालने के लिए निर्देश दिए जाने की मांग की गई थी। राजनयिक छूट प्राप्त होने की वजह से कोर्ट ने सरकार से दो हफ्तों के अंदर यह फैसला लेने को कहा कि कर्नल हॉल को एग्जिट कंट्रोल लिस्ट में डाला जाना चाहिए या नहीं।

मीडिया में दिखाए गए कर्नल हॉल के पहचान पत्र से पता लगता है कि उनकी राजनयिक पहचान 31 मई 2018 तक ही वैध है। ऐसे में उन्हें 31 मई तक पाकिस्तान में ही रखने की कोशिश की जा रही है।

मोबाइल ऐप डाउनलोड करें और रहें हर खबर से अपडेट।

America News in Hindi, अमेरिका समाचार, Latest America Hindi News, अमेरिका खबरें