Tag: रिव्‍यू

फिल्‍म रिव्‍यू: सिर्फ धोखा, बदला और हत्या की कहानी नहीं ‘रुस्‍तम’ (3 स्‍टार)

‘रुस्‍तम’ अलग किस्म की थ्रिलर फिल्म है। यहां गोली चलाने वाले के बारे में दर्शक जानते हैं। हां, कैसे और किन हालात में गोली चली यह कोर्ट में
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फिल्‍म रिव्‍यू: जोश,जीत और जिंदगी ‘सुल्‍तान’ (3.5 स्‍टार)

अली अब्बास जफर ने कुश्ती का इस्तेमाल खेल से अधिक सुल्तान और आरफा के बीच के संबंधों के मोड़-तोड़-जोड़ में किया है। पूरी फिल्म कुश्ती के धागे में
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फिल्‍म रिव्‍यू ‘शोरगुल’ : गुल होती इंसानियत, बचाने का शोर (2.5 स्‍टार)

दंगे इंसानियत के नाम पर बदनुमा दाग हैं, मगर आजादी के छह दशकों बाद भी हिंदुस्तान उसे ढोने को मजबूर है। ‘शोरगुल’ की सोच उसी बुनियाद पर टिकी
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फिल्‍म रिव्‍यू: ‘रमन राघव 2.0’, क्रूर हकीकतों का अफसाना (4 स्‍टार)

यह फिल्म एक शख्स से प्रेरित मनोरोगी सीरियल किलर रमन्ना की कहानी है। वह संगदिल, विक्षिप्त, पथ भ्रष्ट और चरित्रहीन है। वह सामूहिक हत्याएं तक करता है। Jagran
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फिल्‍म रिव्‍यू: ‘जुनूनियत’, प्यार व सुरक्षित भविष्य का द्वंद्व(3 स्‍टार)

आम तौर पर प्रेम कहानियों में जाति, धर्म, ऊंच-नीच और अमीरी-गरीबी की दीवार आड़े आती है। जुनूनियत में सामाजिक मुद्दे जोड़े गए हैं। यह मुद्दा सभ्य समाज के
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फिल्‍म रिव्‍यू: ‘धनक’, भाई-बहन की खूबसूरत कहानी (3.5 स्‍टार)

एक दिन बगैर सोचे-समझे दोनों भाई-बहन शाहरुख खान से मिलने के लिए निकल पड़ते हैं। उनके सफर में डर, एडवेंचर और रोमांच है। Jagran Hindi News – entertainment:reviews
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फिल्‍म रिव्‍यू- ‘तीन’ में है नयापन ( 3 स्‍टार)

‘तीन’ नई तरह की फिल्म है। रोचक प्रयोग है। यह हिंदी फिल्मों की बंधी-बंधायी परिपाटी का पालन नहीं करती। कहानी और किरदारों में नयापन है। उनके रवैए और
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फिल्‍म रिव्‍यू: हाउसफुल 3, फूहड़ और ऊलजुलूल (1 स्‍टार)

‘हाउसफुल 3’ देखते हुए सचमुच रोने का मन करता है। कोफ्त होती है। खुद पर और उन कलाकारों पर भी, जो निहायत संजीदगी से ऊलजुलूल हरकतें करते हैं।
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फिल्‍म रिव्‍यू: ‘वीरप्‍पन’ लेकर लौटे हैं रामू (3 स्‍टार)

‘वीरप्पन’ में लेखक-निर्देशक ने एक सामान्य लड़के के अपराधी बनने की कहानी संक्षेप में रखी है। खून और पैसों का स्वाद लग जाने के बाद वीरप्पन की आपराधिक
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फिल्‍म रिव्‍यू: ‘वेटिंग’ यानि सुकून के दो पल (3.5 स्‍टार)

पिछली कुछ फिल्मों में नसीरुद्दीन शाह की बेमतलब मौजूदगी से निराश उनके प्रशंसकों को ‘वेटिंग’ देखकर खुशी होगी। कल्कि कोचलिन के साथ उनकी कमाल की केमेस्‍ट्री बन पड़ी
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फिल्‍म रिव्‍यू: ‘फोबिया’, डर का रोमांच (3 स्‍टार)

खूबसूरत बात है कि इस हॉरर फिल्म ‘फोबिया’ में विकृत चेहरे और अकल्पनीय दृश्य नहीं है। और न ही तंत्र-मंत्र का इस्तेमाल दिखाया गया है। इसे हॉरर से
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फिल्‍म रिव्‍यू: ‘सरबजीत’, एक कमजोर कोशिश (2.5 स्‍टार)

चूंकि फिल्म के निर्माण और कंटेंट में सरबजीत की बहन की सहमति रही है, इसलिए माना जा सकता है कि सब कुछ तथ्य के करीब होगा। फिर भी
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