टॉम अल्टर वह महानतम् थे। शाहिद की याद में मेरे गालों पर लुढ़कते आंसू एक तस्वीर सी उकेरे जा रहे हैं। ‘जलेबी’ की तस्वीर। आढ़ी-तिरछी सी रेखाओं से