SIT बनी नहीं तो फाइल कैसे गुम हो गई!

रामेश्वर दयाल

वर्ष 1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच से जुड़ी फाइलों के गायब होने पर दिल्ली सरकार का कहना है कि जब उसने SIT का गठन ही नहीं किया तो उसकी फाइलें गुम होने का सवाल ही नहीं बनता है। वैसे सरकार का यह भी कहना है कि कल जब इस बाबत गृह विभाग से पूछताछ की गई तो संबंधित विभाग ने फाइलें दिखा दीं। दूसरी ओर फाइल गुम होने का सर्कुलर जारी करने वाले अधिकारी से जबाव-तलब की तैयारी चल रही है।
गुम हुई फाइलों को लेकर कल दिन भर दिल्ली के राजनैतिक गलियारों में चर्चा का दौर जारी रहा। असल में हाल ही में दिल्ली सरकार के डेप्युटी सेक्रेटरी (होम) आशीष कुमार ने एक सर्कुलर जारी कर बताया कि दिल्ली सरकार द्वारा सिख दंगों की जांच के लिए बनाई गई एसआईटी से जुड़ी फाइलें गायब हो गई हैं। जिसके बाद अफवाहों के साथ-साथ आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया। मामले की नजाकत को देखते हुए दिल्ली सरकार को शाम को स्पष्टीकरण देना पड़ा, जिसमें कहा गया कि जब सरकार की ओर से सिख दंगों की जांच को लेकर SIT का गठन ही नहीं हुआ तो उसकी फाइलें गायब कैसे हो सकती हैं।
दिल्ली सरकार के प्रवक्ता नागेंद्र शर्मा के अनुसार दिल्ली सरकार के पिछले कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने SIT के गठन की घोषणा की थी, लेकिन उसके गठन से पहले ही सरकार चली गई। पिछले साल जब 14 फरवरी को सरकार बनी तो उससे दो दिन पहले केंद्र सरकार ने सिख दंगों की जांच पर SIT का गठन कर दिया। ऐसा होने से दिल्ली सरकार के SIT को मंजूरी मिलना मुश्किल हो गया। प्रवक्ता के अनुसार असल में दिल्ली सरकार अपनी SIT में पुलिस को भी शामिल करना चाहती थी। लेकिन उसमें मुश्किलें आ सकती थी, इसलिए सरकार को SIT के गठन का फैसला त्यागना पड़ा। वैसे प्रवक्ता का यह भी कहना था कि फाइलें गुम होने की चर्चा के बाद कल सुबह गृह मंत्री सत्येंद्र जैन ने गृह विभाग से पूछताछ की तो अफसरों ने उन्हें फाइलें लाकर दे दी। यह पूछे जाने पर कि जब SIT का गठन नहीं हुआ तो फिर वह फाइलें कौन सी थी, उनका कहना था कि वह फाइलें वह थी जब SIT के गठन की प्रक्रिया शुरू की गई थी।
दूसरी ओर सूत्र बताते हैं कि फाइलें गुम होने वाले गृह विभाग के अधिकारी से सरकार जबाव-तलब करेगी। सूत्र बताते हैं कि सरकार इस बात से हैरान है कि अधिकारी ने कहा है कि ये फाइलें करीब 9 माह से गुम हैं, तो उन्होंने इस बात की जानकारी सीएम या गृह मंत्री तक क्यों नहीं पहुंचाई। इसी का परिणाम यह निकला कि जब इस बाबत गृह मंत्री सत्येंद्र जैन से मीडिया ने पूछा था तो उन्हें इस तरह की फाइलें गुम होने से इनकार कर दिया था, जिसके बाद इस पूरे प्रकरण ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया। सरकार इस बात की भी तहकीकात कर रही है कि आाखिर नौ माह तक फाइलें गुम होने का मसला क्यों छुपाकर रखा गया।

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