OccupyUGC बहुत जरूरी : योगेंद्र यादव
|आईटीओ, नई दिल्ली
यूजीसी ऑफिस के आगे चल रहे स्टूडेंट्स के प्रोटेस्ट में गुरुवार को यूजीसी के पुराने मेंबर योगेंद्र यादव पहुंचे। स्वराज अभियान के लीडर योगेंद्र यादव ने नॉन नेट फेलोशिप के मसले पर आवाज उठाई और कहा कि यह बहुत हैरानी की बात है कि यूजीसी अपनी की नीतियों के खिलाफ चल रही है। उन्होंने कहा कि अगर एजुकेशन के लिए ग्रांट देना बोझ है, तो यूजीसी को ही बंद कर देना चाहिए।
उन्होंने OccupyUGC आंदोलन चला रहे स्टूडेंट्स को सलाम करते हुए कहा कि एजुकेशन विरोधी हर कदम के खिलाफ आंदोलन करना जरूरी है। बुधवार को एचआरडी मिनिस्ट्री की बनाई गई रिव्यू कमिटी पर योगेंद्र ने कहा कि पुरानी कमिटी फेलोशिप बढ़ाने का फैसला करने वाली थी, मगर वह पलट गई और फेलोशिप बंद कर दी गई। उन्होंने कहा, जब ऐसा हो सकता है तो नई कमिटी से कैसी उम्मीद!
गुरुवार को स्वराज अभियान के लीडर योगेंद्र यादव आईटीओ में यूजीसी ऑफिस के सामने पहुंचे। शाम करीब 5 बजे स्टूडेंट्स के हुजूम के बीच पहुंचे योगेंद्र ने कहा, बहुत हैरानी की बात है कि यूजीसी की जो कमिटी नॉन नेट फेलोशिप को बढ़ाने की सोच रही थी, उसने अचानक इसे बंद ही कर दिया। मैं यूजीसी का लंबे समय तक मेंबर रहा और इस दौरान इस कमिटी से भी रूबरू रहा। ऐसे में साफ है कि कोई ऊपरी दबाव ही रहा होगा, जो यह कदम उठाया गया।
योगेंद्र ने कहा, भारत में वैसे भी फेलोशिप बहुत कम दी जाती है, वह भी हायर एजुकेशन के लिए और अब इसे भी बंद किया जा रहा है। अमेरिका जैसे पूंजीवादी देश में भी फेलोशिप भारत से ज्यादा दी जाती है। उन्होंने कहा, यूजीसी के सिस्टम को मैं देख चुका हूं, यहां ऊपर से आए हल्के से इशारे में ही बड़े से बड़े बेबुनियाद फैसले ले लिए जाते हैं।
स्वराज अभियान के लीडर ने कहा, यूजीसी में पहले नॉन नेट फेलोशिप को बढ़ाने और इसे स्टेट यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स को देने की भी बात चल रही थी। यही होना भी चाहिए। यहां तक रिसर्च से नीचे के ग्रैजुएशन लेवल वगैरह के स्टूडेंट्स को भी फेलोशिप देने की जरूरत है। जेआरएफ अमाउंट अलग बात है, मगर इतना तो मिलना चाहिए कि हॉस्टल, किताबों, खाने-पीने का खर्चा निकल सके।
गिटार की धुन और क्रांति गीत : यूजीसी के बाहर गुरुवार को स्टूडेंट्स-टीचर्स की तादाद और बढ़ी। तमिलनाडु, गुजरात समेत कई राज्यों के स्टूडेंट्स यूजीसी के आगे प्रोटेस्ट करने पहुंच रहे हैं। भारी सिक्युरिटी से लैस इस इलाके में पोस्टर्स, पेंटिंग्स नजर आए। कविताओं, गीतों का सेशन चला, तो सभा में फिल्ममेकर राहुल रॉय समेत जेएनयू, डीयू के टीचर्स ने भी अपनी बातें रखीं। आंदोलन में जेएनयूएसयू का खास रोल है। इसमें आइसा, एसएफआई, एआईएसएफ, स्वराज स्टूडेंट विंग के अलावा कई स्टूडेंट विंग शामिल है। 7 अक्टूबर को यूजीसी ने फेलोशिप को बंद करने का फैसला लिया था, जिसके बाद से देशभर की सेंट्रल यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने यूजीसी के खिलाफ जंग छेड़ी है।
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