MCD चुनाव: अमित शाह के आदेश पर रूठों को मनाने का प्रयास

रामेश्वर दयाल
बीजेपी से बागी होकर चुनाव लड़ रहे वर्तमान पार्षदों, उनके रिश्तेदारों और पार्टी पदाधिकारियों को मनाने के लिए बीजेपी नेता दिन-रात एक करने में लग गए हैं। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने प्रदेश के नेताओं को आदेश दिया है कि बागी होकर लड़ने वालों को किसी न किसी तरह मनाया जाए। इसका परिणाम यह निकल रहा है कि ये नेता देर रात तक भी बागियों के घरों पर जा रहे हैं और उनसे नामांकन वापस लेने की गुजारिश कर रहे हैं। रोचक पहलू यह भी पार्टी के कई बागी तो नामांकन दाखिल कर भूमिगत हो गए हैं।

बीजेपी नेता इस बात से खासे हैरान हैं कि लाख कोशिशों के बावजूद बड़ी संख्या में पार्टी से बागी होकर नेताओं ने नामांकन भर लिया। पार्टी प्रवक्ता नवीन कुमार का कहना है कि तीन दर्जन से अधिक बागियों की जानकारी पार्टी को मिली है। लेकिन इनकी संख्या बढ़ सकती है। उसका कारण यह है कि कई बागी तो नामांकन भरकर गायब हो गए हैं ताकि उन पर नाम वापसी के लिए दबाव न डाला जा सके। फिलहाल गायब हुए ऐसे बागियों की भी लिस्ट बनाई जा रही है जो चुनाव में पार्टी के अधिकृत उम्मीदवार के लिए परेशानी का सबब बन सकते हैं।

सूत्र बताते हैं कि कल सुबह ही अध्यक्ष अमित शाह की प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी से बात हुई थी। बातचीत के दौरान शाह ने कहा कि जितना ज्यादा संभव हो, बागियों को मनाने का प्रयास किया जाए, ताकि पार्टी का बढ़ रहा वोट बैंक विचलित न हो। बताते हैं हाईकमान का आदेश मिलने के बाद मनोज तिवारी ने पार्टी के कई पदाधिकारियों से बात की और कहा कि वे अपने-अपने इलाकों के बागियों को मनाने के लिए जुट जाएं। इस मामले में अगर कुछ उलझाव हो तो बागियों से उनकी बात करवाई जाए। बताते हैं कि इसके बाद से ही ये नेता बागी मनाओ मिशन पर निकल गए और उन्हें किसी न किसी तरह मनाने का प्रयास में जुट गए।

गौरतलब है कि निगम चुनाव में वर्तमान पार्षदों ने तो पर्चा दाखिल कर ही दिया है, तो कुछ ने अपने रिश्तेदारों का नामांकन करवा दिया है। इसके अलावा जिला मंडल स्तर के नेताओं ने भी बागी होकर पर्चा दाखिल कर दिया है। बताते हैं कि बागियों को मनाने का आलम यह है कि पार्टी के कुछ नेताओं ने कल देर शाम बागियों को मनाने के लिए पश्चिमी व साउथ दिल्ली के अलावा यमुनापार में कूच किया और देर रात तक बागियों को मनाते रहे। किसी की बड़े नेता से बात करवाई गई तो किसी को कहा गया कि उनका सम्मान बिगड़ने नहीं दिया जाएगा। कुछ बागियों को पार्टी में बड़ा पद देने का भी ऑफर दिया गया। फिलहाल मान-मनौवल की यह प्रक्रिया आठ अप्रैल तक जारी रहेगी। उस दिन नाम वापसी का आखिरी दिन है।

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