IIT दिल्ली नहीं कर पा रही मोदी के ड्रीम प्रॉजेक्ट पर काम
|प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रॉजेक्ट ‘उन्नत भारत अभियान’ के लिए आईआईटी दिल्ली से अब कॉर्डिनेटिंग एजेंसी का काम ले लिया गया है। आईआईटी इसमें कोई इंटरेस्ट नहीं दिखा रही थी जिस वजह से एचआरडी मिनिस्ट्री ने अब यह काम खुद अपने हाथों में ले लिया है। पहले जब यह अभियान लॉन्च किया गया था तो आईआईटी दिल्ली को इसकी कॉर्डिनेटिंग एजेंसी बनाया गया था। पर आईआईटी अब तक ठीक तरीके से इसकी वेबसाइट तक तैयार नहीं कर पाई है।
मिनिस्ट्री सूत्रों के मुताबिक उन्नत भारत अभियान लॉन्च किए हुए दो साल हो गए हैं लेकिन आईआईटी दिल्ली ने इस दिशा में कोई काम नहीं किया। आईआईटी को वेबसाइट तैयार करने के साथ ही हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स सिलेक्ट करने थे जो अपने आस पास के गांव गोद लेते और उनकी दिक्कतों का तकनीकी समाधान ढूंढते। काम आगे न बढ़ता देख अब मिनिस्ट्री खुद ही कॉर्निडेटिंग एजेंसी की भूमिका निभा रही है।
मिनिस्ट्री ने 45 हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट्स सिलेक्ट कर उनकी टीम को ट्रेनिंग दे दी है। अब वह टीम फील्ड विजिट कर रही है। हर इंस्टिट्यूट के पास 5 गांव हैं। इन गांवों में फील्ड विजिट कर लोगों से बात कर प्रॉजेक्ट रिपोर्ट तैयार करनी है। सूत्रों के मुताबिक अभी इन 45 इंस्टिट्यूट्स पर भी फोकस किया जा रहा है। ये किस तरह गांवों के विकास के लिए तकनीकी समाधान पर काम करते हैं उसे देखकर फिर बाकी के इंस्टिट्यूट्स सिलेक्ट करने का काम किया जाएगा।
पहले हर राज्य में एक हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट को मेंटॉर इंस्टिट्यूट बनाया जाना था। जिसके तहत उस राज्य के सारे पार्टिसिपेटिंग (भागीदार) इंस्टिट्यूट काम करते लेकिन अभियान में काम करने की दिशा में आईआईटी के ढुलमुल रवैए के बाद मेटॉर इंस्टिट्यूट नहीं बनाया जा रहा है। कोई मेटॉर इंस्टिट्यूट नहीं होगा और सभी सिलेक्टेड हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट खुद ही पूरा जिम्मा देखेंगे।
मोदी सरकार ने उन्नत भारत अभियान लॉन्च कर नए तरीके से ‘चलो गांव की ओर’ मुहिम शुरू की थी। योजना यह थी कि देश के हर आईआईटी, एनआईटी, सेंट्रल यूनिवर्सिटी अपने आस पास के 10 गांवों को गोद लेंगे और उनकी जरूरत के मुताबिक रिसर्च कर उनकी दिक्कतों का हल निकालेंगे। सरकार चाहती है कि हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूट को रूरल डिवेलपमेंट के काम में भी लगाया जाए। देश की 70 फीसदी आबादी गांवों में रहती है इसलिए गांवों की तरफ खास ध्यान देने के लिए यह योजना बनाई गई।
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