HWL फाइनल: भारत को हराकर अर्जेंटीना ने खिताबी मुकाबले में बनाई जगह

भुवनेश्वर
लगातार हो रही तेज बारिश के बावजूद फुल टाइम की सीटी बजने तक सीटों पर जमे रहे दर्शक भी शुक्रवार को यहां भारतीय टीम में जोश का संचार नहीं कर सके और ओलिंपिक चैंपियन अर्जेंटीना ने मेजबान को एक गोल से हराकर हॉकी वर्ल्ड लीग फाइनल के खिताबी मुकाबले में जगह बना ली। इसके साथ ही भारत की पदक का रंग बेहतर करने की उम्मीदों पर भी पानी फिर गया। पिछली बार रायपुर में खेले गए टूर्नमेंट में भी सेमीफाइनल हारने के बाद भारत ने कांस्य पदक जीता था। इस बार भी वह कांसे के तमगे के लिए ऑस्ट्रेलिया या जर्मनी से खेलेगा।

अर्जेंटीना को 17वें मिनट में गोंजालो पिलेट के गोल के दम पर मिली बढ़त को भारत आखिरी 43 मिनट में उतार नहीं सका। पिछले मैच में दुनिया की तीसरे नंबर की टीम बेल्जियम को सडन डेथ में हराने वाले आक्रामक तेवर आज नदारद थे। फॉरवर्ड पंक्ति में तालमेल का अभाव दिखा और गेंद पर नियंत्रण के मामले में दुनिया की नंबर एक टीम अर्जेंटीना काफी आगे रही।

मैदान पर दमखम और तकनीक की जोर आजमाइश करने वाले भारत और अर्जेंटीना के खिलाड़ियों के अलावा इस मैच में काबिले तारीफ था कलिंगा स्टेडियम पर भारी तादाद में जमा दर्शकों का जज्बा। सुबह से लगातार हो रही बूंदाबांदी मैच के समय तक तेज बारिश में बदल गई लेकिन वह दर्शकों के उत्साह पर पानी नहीं फेर सकी। सेमीफाइनल से ठीक पहले इंग्लैंड और नीदरलैंड के बीच खेले गए क्लासीफिकेशन मैच के बाद भारत-अर्जेंटीना मैच शनिवार तक के लिए स्थगित किये जाने की अटकलें भी लगाई जा रही थी लेकिन ऐसा हुआ नहीं।

बारिश के बीच दोनों टीमें मैदान पर खेलने उतरीं तो मुश्किल हालात के बावजूद जोश में कहीं कोई कमी नहीं थी। पहले हाफ में हालांकि भारतीय टीम उस फॉर्म में नहीं दिखी जो उसने बेल्जियम के खिलाफ क्वॉर्टर फाइनल में दिखाया था। दूसरी ओर अर्जेंटीना ने कई हमले बोले और पांचवें मिनट में गोलकीपर आकाश चिकते ने मुस्तैदी दिखाते हुए गोल बचाया।

भारत के लिये 10वें मिनट में सुनहरा मौका था जब ललित उपाध्याय से गेंद लेकर एस वी सुनील सर्कल के भीतर घुसे लेकिन उनका निशाना चूक गया। दूसरे क्वॉर्टर में भारतीय कप्तान मनप्रीत सिंह को पीला कार्ड दिखाया गया और 10 मिनट के लिए उन्हें मैदान से बाहर जाना पड़ा। इससे पहले अर्जेंटीना ने 17वें मिनट में मैच का पहला पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया और इसे गोंजालो पिलेट ने गोल में बदलकर ओलिंपिक चैंपियन को बढ़त दिला दी।

तीसरे क्वॉर्टर में दोनों टीमें रक्षात्मक खेल दिखाती रहीं। भारत को 36वें मिनट में मिले एकमात्र पेनल्टी कॉर्नर को रुपिंदर पाल सिंह गोल में नहीं बदल सके लेकिन आखिरी क्वॉर्टर में भारत ने कई मौके बनाए जिन्हें टीम का कोई खिलाड़ी फिनिशिंग तक नहीं ले जा सका।

इस जीत के साथ ही अर्जेंटीना ने पिछले साल रियो ओलिंपिक में मिली हार का बदला भी चुकता कर दिया। ओलिंपिक स्वर्ण पदक की राह में भारत से वह एकमात्र मुकाबला हारी थी। इसके अलावा यहां हाकी वर्ल्ड लीग फाइनल से पहले अभ्यास मैच में भी भारत ने उसे हराया था।

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