GST को लेकर मोटी सहमति बनी: नायडू

कोयंबटूर

वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) विधेयक को लेकर ‘मोटी सहमति’ बनने का दावा करते हुए केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि केंद्र इस विधेयक को संसद के मॉनसून सत्र में पारित कराने को लेकर ‘बहुत गंभीर’ है। पर इसके साथ ही नायडू ने इस कर की अधिकतम सीमा को संविधान संशोधन विधेयक में ही शामिल किए जाने की मांग को यह कहते हुए एक तरह से खारिज कर दिया कि यह ‘व्यावहारिक’ नहीं है और इसकी सलाह नहीं दी जा सकती।

केंद्रीय शहरी विकास मंत्री ने कहा कि सरकार ‘सभी सम्बद्ध दलों’ के साथ इस मामले को आगे बढ़ा रही है और उसे इसके संसद के मॉनसून सत्र में पारित होने की उम्मीद है। संसद का मॉनसून सत्र सोमवार से शुरू हो रहा है। नायडू कोयंबटूर में साउथ इंडियन फिल्म चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा,’संसद में कल क्या होने जा रहा है इस पर समूचे देश की निगाह है। मोटी सहमति बनी है, फिर भी कुछ मुद्दे हैं जिन पर वित्त मंत्री (अरुण जेटली) ध्यान दे रहे हैं। जीएसटी समय की मांग है।’

इस महत्वपूर्ण विधेयक पर कांग्रेस का समर्थन हासिल करने के लिए नायडू ने पिछले सप्ताह राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद से बात की थी। मंत्री ने कहा कि अगर जीएसटी कार्यान्वित होता है तो, ‘(कारोबारियों का) उत्पीड़न कम होगा, बिचौलियों द्वारा शोषण घटेगा तथा भ्रष्टाचार भी कम होगा।’ उन्होंने कहा,’इसलिए सरकार (इस विधेयक को लेकर) बहुत गंभीर है और हम सभी सम्बद्ध पक्षों के साथ इसे आगे बढ़ा रहे हैं। मुझे भरोसा है कि संसद के आगामी सत्र में जीएसटी विधेयक पारित हो जाएगा। यह मेरी उम्मीद है।’

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