Chandrayaan 2: लैंडर की कमी को पूरा करेगा ऑर्बिटर, एक साल की बजाय 7 साल करेगा काम

दक्षिणी ध्रुव पर उपस्थिति दर्ज कराने वाले इसरो के लिए ये एक और बड़ी उपलब्धि है। फिलहाल वैज्ञानिकों का पूरा फोकस लैंडर से संपर्क स्थापित करने पर है।

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