Book Review: ‘खंडित भारत’ में देश का विभाजन का तार्किक अध्ययन

Book Review हिंदी अनुवाद ‘खंडित भारत’ पर लिखते हुए उसकी प्रासंगिकता की ओर इशारा करने की कोशिश है जो स्वाधीनता के सात दशक बाद भी अपनी वैचारिक संपदा के कारण सामयिक बनी हुई है। पढ़ें यतीन्द्र मिश्र की समीक्षा।

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