कमाई बढ़ाने के लिए फॉर्महाउसों पर कसेगा शिंकजा
|अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए नॉर्थ एमसीडी ने अब फार्महाउसों पर शिकंजा कसने का निर्णय लिया है। इसके लिए जल्द ही एक सर्वे शुरू किया जा रहा है, जिसमें फार्महाउसों व उनकी स्थिति और आय की जानकारी तैयारी की जाएगी, जिसके बाद कमर्शियल यूज फार्महाउसों से टैक्स आदि वसूला जाएगा। इसके लिए अफसरों की जिम्मेदारी तय की जा रही है।
नॉर्थ एमसीडी के रेकॉर्ड के अनुसार उसके क्षेत्र में कुल 568 फार्महाउस हैं, इनमें सबसे अधिक नरेला जोन में 545 और सिविल लाइंस जोन में 23 फार्महाउस हैं। इसके अलावा इन इलाकों में 33 मोटल भी हैं। मिली जानकारी के अनुसार मोटल से प्रॉपर्टी टैक्स के अलावा अन्य टैक्स आदि वसूले जाते हैं, लेकिन फार्महाउसों को लेकर हमेशा गड़बड़ के आरोप लगते रहे हैं। असल में अधिकतर फार्महाउसों का प्रयोग शादी व अन्य समारोह के लिए हो रहा है, लेकिन चूंकि इनका रेकॉर्ड जोनल स्तर पर रखा जाता है, इसलिए उनकी स्पष्ट स्थिति पता नहीं चल पाती। इस मसले पर भ्रष्टाचार के आरोप भी लगते रहे हैं। एमसीडी को इस बात की जानकारी है कि अगर इन फार्महाउसों पर ठीक से शिकंजा कसा गया तो उसकी प्रॉपर्टी टैक्स में तो बढ़ोतरी होगी ही, साथ ही लाइसेंस फीस, कन्वर्जन चार्ज व पार्किंग शुल्क में भी इजाफा होगा।
एमसीडी सूत्रों के अनुसार इस मसले पर जल्द ही एक सर्वे शुरू किया जा रहा है, जिसमें फार्महाउसों की संख्या, क्षेत्रफल, उनसे होने वाली आय की डिटेल तैयार की जाएगी। सर्वे स्टाफ को यह निर्देश दिए गए हैं कि सर्वे में कोई गड़बड़ी पाए जाने पर उनकी व्यक्तिगत जिम्मेदारी तय की जाएगी। सर्वे में जो फार्महाउस दिखाए जाएं, उनमें से 25 प्रतिशत को जोन का विभागाध्यक्ष व्यक्तिगत रूप से सत्यापित करेगा, इसके अलावा किसी फार्महाउस पर किसी प्रकार का एरियर है तो उसकी पूरी जानकारी सर्वे में दी जाए। इसके अलावा इस बात की भी जानकारी देनी होगी कि पिछले एक साल में किन फार्महाउसों में समारोह आयोजित किए जा रहे हैं। इन जानकारी से इस बात की तस्दीक की जा सकेगी कि किस फार्महाउस का कमर्शल यूज हो रहा है और कौन से वाकई फार्महाउस हैं।
नॉर्थ एमसीडी की स्थायी समिति के सदस्य तिलकराज कटारिया के अनुसार असल में अधिकतर फार्महाउसों ने खुद को एग्रीकल्चर लैंड घोषित कर रखा है, जबकि वहां लगातार कमर्शल गतिविधियां की जा रही है। यह सब घालमेल लोकल स्तर के अफसरों द्वारा किया जा रहा है, जिस कारण इस मद में एमसीडी की कमाई बहुत कम हो रही है। हम चाहते हैं कि 15 दिन के भीतर यह सर्वे कर लिया जाए और जांचकर मॉनसून के बाद एक्शन शुरू कर दिया जाए। कटारिया का मानना है कि इस कवायद से प्रॉपर्टी टैक्स में 15 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है।
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