सभी राज्यों में संसदीय सचिव हैं, मोदी जी दिल्ली के ही हटा रहे हैं: अरविंद केजरीवाल
|दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रपति द्वारा संसदीय विधेयक बिल को नामंजूर करने पर फिर से मोदी सरकार पर निशाना साधा है। केजरीवाल ने कहा है कि पीएम मोदी आम आदमी पार्टी से डरे हुए हैं, उनकी रात की नींद उड़ चुकी है, इसलिए वे दिल्ली सरकार के खिलाफ ऐक्शन ले रहे हैं।
केजरीवाल ने राष्ट्रपति के फैसले पर मोदी सरकार को निशाना बनाए जाने के सवाल पर कहा, ‘राष्ट्रपति किसी भी मामले में निर्णय नहीं लेते हैं। यह फैसला गृह मंत्रालय का लिया हुआ है। राष्ट्रपति तक तो शायद फाइल भी नहीं जाती होगी। राष्ट्रपति के नाम से काम होता है।’
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केजरीवाल ने कहा, ‘हमें लगा कि कई विधायक अपने क्षेत्र का काम देखते हुए अतिरिक्त जिम्मेदारी ले सकते हैं। इसलिए हमने उनको स्कूल, अस्पताल, बिजली, सड़क की जिम्मेदारी दी है। हम उन एमएलए को एक धेला नहीं दे रहे हैं। संसदीय सचिव को कोई वेतन नहीं मिलेगा, यह नोटिफिकेशन में साफ लिखा है, कोई सुविधा नहीं मिलेगा, कोई भत्ता नहीं मिलेगा।’
उन्होंने पूछा, ‘अगर फ्री में कोई एमएलए स्कूलों का, अस्पतालों का, सड़कों का, बिजली का, पानी का काम कर रहा है तो मोदी जी को क्या तकलीफ हो रही है? हमारा विधायक प्रवीण देशमुख सरकारी स्कूलों का दौरा करने रोज सुबह निकल जाता है, मनीष सिसोदिया जो रेड करते हैं, वह उनकी रेड से पहले का होमवर्क करता है। राजेश गुप्ता को सरकारी अस्पतालों की जिम्मेदारी दी है, रात में दो-दो बजे उसको फोन आते हैं कि गरीबों को अस्पताल में जगह नहीं मिल रही है। वह रात में उनको भर्ती कराकर आता है। क्या गड़बड़ है इसमें, क्या गलती है इसमें? मोदी जी इनको डिसक्वॉलिफाइ करने में लगे हैं। न खुद काम करेंगे, न करने देंगे। इन सबको घर बैठा देने से मोदी जी को क्या मिलेगा? मोदी जी कहते हैं कि सोनिया गांधी जी संसद नहीं चलने दे रही हैं, वह लोकसभा की हार नहीं पचा पा रही हैं। हम कहते हैं कि मोदी जी दिल्ली की हार नहीं पचा पा रहे हैं।’
केजरीवाल ने आगे कहा, ‘सभी राज्यों में संसदीय सचिव हैं। पंजाब में तो एक-एक संसदीय सचिव को एक-एक लाख रुपये, लाल बत्ती की गाड़ी मिलती है, बंगला मिलता है। हमारे विधायकों को कुछ नहीं मिलता है। हटाना है तो सारे देश के संसदीय सचिवों को हटाइए। हरियाणा में, पश्चिम बंगाल में संसदीय सचिव हैं, नागालैंड में 24 हैं, पंजाब में 24 हैं, गुजरात में 5, राजस्थान में 5, हिमाचल प्रदेश में 6 और तो और पुडुचेरी में भी संसदीय सचिव हैं। लेकिन मोदी जी को दिल्ली के ही संसदीय सचिव हटाने हैं।’
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