12 साल के संघर्ष के बाद ‘मिर्जापुर 2’ के शरद शुक्ला को मिली पहचान, कभी स्टूडियो के बाहर अखबार बिछाकर भी सोना पड़ता था
|वेब शो 'मिर्जापुर' के दूसरे सीजन में अन्य किरदारों के साथ शरद शुक्ला का किरदार भी काफी पॉपुलर हो रहा है। इस किरदार को अभिनेता अंजुम शर्मा ने निभाया है। 12 साल से एक्टिंग की दुनिया में संघर्ष कर रहे अंजुम को अब जाकर सही पहचान मिली है। कम ही लोग जानते होंगे कि एक्टर बनने से पहले अंजुम ने 'तनु वेड्स मनु' जैसी फिल्मों के निर्देशक आनंद एल. राय के साथ बतौर असिस्टेंट काम कर रहे थे और इस दौरान कई बार ऐसा मौका भी आया कि उन्हें अखबार बिछाकर जमीन पर भी सोना पड़ा। दैनिक भास्कर से खास बातचीत में अंजुम शर्मा ने अपनी जर्नी साझा की…
ऑस्कर विनर फिल्म से किया था डेब्यू
अंजुम शर्मा ने एक्टिंग करियर की शुरुआत ब्रिटिश ड्रामा 'स्लमडॉग मिलिनेयर'(2009) से ली थी, जिसने 81वें एकेडमी अवॉर्ड में 8 ऑस्कर अपने नाम किए थे। हालांकि, इस फिल्म में उन्हें मन- मुताबिक रोल नहीं मिला था।इस फिल्म के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा- "जब मैं थिएटर्स में बिजी था,तब कहीं से एक फोन आया और कहा गया कि एक फॉरेन फिल्म के लिए टेस्ट करना है।"
"मैंने जाकर ऑडिशन दे दिया। हालांकि, जिस रोल के लिए ऑडिशन दिया था, वह मुझे नहीं मिल पाया। क्योंकि बाद में केरेक्टर्स की उम्र कम कर दी गई थी। यह तब की बात है, जब स्क्रिप्ट लिखी ही जा रही थी। तीन-चार महीने बाद मेरे पास फिल्म की को-डायरेक्टर और कास्टिंग डायरेक्टर लवलीन टंडन का कॉल आया और बोलीं कि शूट शुरू हो चुका है। लेकिन फिल्म में एक रोल है और मैं चाहती हूं कि वह तुम करो। अच्छा अनुभव रहेगा।"
स्टिल कैमरा खरीदने की चाहत में किया रोल
अंजुम ने आगे बताया- "मैं जानता था कि डैनी बॉयल हॉलीवुड के प्रख्यात डायरेक्टर हैं। इसलिए मेरा इंटरेस्ट था और सबसे बड़ा इंटरेस्ट इसलिए भी था कि मुझे डीएसएलआर स्टिल कैमरा खरीदना था। इससे आए पैसों से मैंने कैमरा खरीद लिया। जब इस फिल्म को ऑस्कर मिला तो इस बात की खुशी थी कि मेरी शुरुआत बहुत अच्छी हुई है। उस समय किसी ने मुझसे कहा था कि अब तुम जीवन में कुछ भी करो, लेकिन तुम्हारे करियर की पहली फिल्म ऑस्कर विनिंग फिल्म ही जानी जाएगी।"
ऐसे मिली मिर्जापुर
अंजुम बताते हैं- "मैंने 'जंगल बुक' नाम से एक प्ले किया था, जो बहुत बड़े लेवल पर हुआ था, इसे शेर खान के पॉइंट ऑफ व्यू से बनाया गया था और मैंने इसमें लीड किरदार निभाया था। प्ले पूरा होने के कुछ महीने बाद मेरे पास गुरु (गुरमीत सिंह) का फोन आया और बोले कि एक रोल है, जिसका सीजन वन में सिर्फ एक सीन है। लेकिन वह बहुत इम्पॉर्टेंट रोल है और मुमकिन है कि सीजन 2 में यह बहुत अच्छे से सामने आएगा।"
"मैंने हामी भर दी। लेकिन उस वक्त यह प्लेटफॉर्म बहुत नया था। क्योंकि मैं अच्छे कंटेंट से जुड़ना चाहता था और मेरा गुरु पर मेरा बहुत भरोसा था कि अगर बतौर डायरेक्टर वे कुछ ला रहे हैं तो अच्छा ही होगा। हालांकि, जब सीरीज बनकर आई तो मेरा जो सिर मुंडाने वाला सीन था, वह सबसे अंत में रखा गया। जबकि पहले इसे कहीं और आना था। यह सब एडिटिंग के दौरान हुआ।"
"मेकर्स को लगा कि वे पहले सीजन में कोई ऐसा छोर छोड़ें, जिससे लगे कि इस किरदार के जरिए नए सीजन में कोई नई कहानी खुलेगी। जब सीजन 2 की कहानी लिखकर आई और मैंने पढ़ी तो समझ आया कि यह बहुत ही डिटेल्ड, अलग तरह का और मुश्किल किरदार है। मुश्किल इसलिए भी था कि जब आप इतनी बड़ी चीज से जुड़ते हैं तो आपके ऊपर जिम्मेदारियां बढ़ जाती हैं।"
अंजुम के मुताबिक, वे यह तो नहीं जानते कि तीसरे सीजन में उनके किरदार को कैसा मोड़ दिया जाएगा, लेकिन दूसरे सीजन के बाद उन्हें जो सराहना मिली है, वे उसे एन्जॉय कर रहे हैं। गौरतलब है कि हाल ही में मिर्जापुर के तीसरे सीजन का ऐलान भी हो चुका है।