​भारत में 6000 करोड़ के निवेश करना चाहता है फॉक्सकॉन, मिलेंगी 40000 नौकरियां

रजत अरोड़ा/गुलवीन औलख, नई दिल्ली
कॉन्ट्रैक्ट लेकर आईफोन जैसी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बनानेवाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी फॉक्सकॉन भारत में 6,000 करोड़ रुपये की लागत से एक प्लांट लगाने जा रही है। मामले से वाकिफ एक शख्स ने बताया कि फॉक्सकॉन का यह प्लांट मुंबई के पास जवाहरलाल नेहरू पोर्ट ट्रस्ट (जेएनपीटी) के स्पेशल इकनॉमिक जोन (सेज) में 200 एकड़ जमीन पर लगेगा। ऐपल की सबसे बड़ी सप्लायर इस ताइवानी कंपनी ने पोर्ट अथॉरिटीज से कहा कि जेएनपीटी प्रॉजेक्ट से 40,000 लोगों को रोजगार मिलेगा।

जहाजरानी और सड़क परिवह मंत्री नितिन गडकरी ने इसकी पुष्टि करते हुए इकनॉमिक टाइम्स से कहा कि फॉक्सकॉन ने सरकार को प्लांट लगाने का प्रस्ताव भेजा है। गडकरी ने कहा, ‘उन्होंने हमसे (कंपनी) जेएनपीटी में जमीन मुहैया कराने का आग्रह किया।’ यह स्पष्ट नहीं है कि फॉक्सकॉन इस प्लांट में आईफोन बनाएगा या कोई दूसरा प्रॉडक्ट, लेकिन जगह को देखते हुए ऐसा लगता है कि यहां से बने सामान एक्सपोर्ट किए जाएंगे। फॉक्सकॉन टेक्नॉलजी ग्रुप ने इससे संबंधित सवाल का कोई जवाब नहीं दिया।

जेएनपीटी में कुल 277 हेक्टेयर जमीन स्पेशल इकनॉमिक जोन में आती है जिसमें 77 हेक्टेयर जमीन सड़कों और सामान्य सुविधाओं जैसी बुनियादी ढांचों के लिए आवंटित है। कंपनियों की ओर से यूनिट लगाने की बड़ी मांग के कारण हाउजिंग प्रॉजेक्ट्स की प्लानिंग कैंसल कर दी गई। गडकरी ने कहा, ’25-30 कंपनियां संपर्क साध चुकी हैं और जेएनपीटी पर 17 एकड़ जमीन की नीलामी के लिए बोलियां मिलने लगी हैं। मुझे उम्मीद है कि यह सेज 2 लाख लोगों को रोजगार देगा।’

गडकरी ने कहा कि जेएनपीटी सेज में 60,000 करोड़ रुपये के निवेश की संभावना है। एक शीर्ष सरकारी अधिकारी ने कहा कि कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर फॉक्सकॉन को जमीन के लिए दूसरों के साथ बोली लगानी होगी क्योंकि भारत में नॉमिनेशन रूट को अनुमति नहीं है।

एक्सपर्ट्स कहते हैं कि फॉक्सकॉन को जेएनपीटी में निवेश के लिए भारतीय बाजार में पूरा दमखम लगाना होगा। इससे चीन के अलावा भारत में अपना पहला कैंपस लगाने की संभावना बढ़ जाएगी। फॉक्सकॉन का चीन में सबसे बड़ा मैन्युफैक्चरिंग बेस है। कंपनी के आंध्र प्रदेश के श्री सिटी में पांच प्लांट्स हैं जहां वह श्याओमी, नोकिया, जिओनी, इनफोकस समेत अन्य कंपनियं के लिए सालाना करीब 1.5 करोड़ फोन बनाती है। यह नोकिया का स्मार्टफोन और फीचर फोन बनाती है जबकि बाकी ब्रैंड्स के लिए सिर्फ स्मार्टफोन ही बनाती है।

कंपनी इस वित्तीय वर्ष में भारत में अपनी क्षमता दोगुना करना चाहती है और कुछ प्लांट्स लगाने के लिए जमीन तलाश रही है। इकनॉमिक टाइम्स ने पिछले महीने खबर दी थी कि फॉक्सकॉन की इंडियन यूनिट महाराष्ट्र और दिल्ली-एनसीआर के विभिन्न जगहों के अलावा श्रीपेरुंबुदुर में नोकिया सेज के अंदर जमीन पर का मूल्यांकन कर रही थी। कंपनी मोबाइल फोन और अन्य प्रॉडक्ट्स बनाने के लिए नवी मुंबई की ग्रीनफील्ड में भी शुरू-शुरू में 2 से 3 करोड़ डॉलर लगाने जा रही है।

फॉक्सकॉन भारत से मिडल ईस्ट और अफ्रीका में भी एक्सपोर्ट्स शुरू करने की सोच रहा है। उसने दुनिया के सबसे तेज बढ़ते स्मार्टफोन मार्केट में प्लांट लगाने के लिए सप्लायर्स से बातचीत शुरू कर दी है ताकि वे स्थानीय और विदेशी बाजारों के लिए प्रॉडक्शन चेन तैयार कर सकें। इस लिहाज से एक बंदरगाह में निवेश सबसे उपयुक्त होगा।

फॉक्सकॉन ने स्नैपडील और मेसेंजर ऐप हाइक के जरिए भारत में 60 अरब डॉलर लगाए। यह रकम महाराष्ट्र सरकार के साथ करीब 5 अरब डॉलर के निवेश से अलग है। महाराष्ट्र सरकार की पार्टनरशिप में इस निवेश का ऐलान 2015 के आखिर में किया गया था।

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