स्विस कंपनी ने भारत में कैंसर की सबसे महंगी दवा लॉन्च की

दिव्या राजगोपाल, मुंबई
दुनिया भर में इन दिनों बीमा कंपनियां, मरीज और सरकारें हेल्थकेयर पर बढ़ते खर्च पर बहस कर रही हैं। इस बीच स्विस फार्मा कंपनी रॉश ने भारत में लेट स्टेज ब्रेस्ट कैंसर के इलाज के लिए 2 नई दवाएं लॉन्च की हैं, जिनकी कीमत यहां मिल रही कैंसर की किसी भी दवा से अधिक है।

कैडसिला और पेर्जेटा को अक्टूबर में भारत में लॉन्च किया गया, जिनकी एक डोज की कीमत क्रमश: 2,10,000 (200 एमएल) और 2,49,000 रुपये है। इकनॉमिक टाइम्स ने कई केमिस्टों और डॉक्टरों से इन दवाओं की कीमत की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि इन दवाओं पर 10,000-15,000 रुपये का मैक्सिमम डिस्काउंट मिल रहा है।

स्विस कंपनी ने यह भी कहा है कि वह शुरुआती इलाज के बाद दवाएं मुफ्त में देती है। ब्रेस्ट कैंसर के कारण भारत में बड़ी संख्या में महिलाओं की जान जा रही है। देश में हर साल करीब 1.3 लाख महिलाओं के इस बीमारी का शिकार होने की बात का पता चल रहा है।

ये दवाएं तब दी जाती हैं, जब ट्यूमर शरीर के दूसरे हिस्सों में पहुंच जाता है और उसके ठीक होने की संभावना कम होती है। 9 महीने के इलाज में कैडसिला का खर्च 12 लाख रुपये और पेर्जेटा का 30 लाख रुपये है। रॉश ने भारत में पुणे की एमक्योर फार्मा के साथ लोकल ब्रैंड नेम के तहत हर्सेप्टिन बेचने का अग्रीमेंट किया है। यह दवा ब्रेस्ट कैंसर के शुरुआती फेज में इलाज के लिए दी जाती है। इसके एक डोज की कीमत 65,000 रुपये है।

ईटी के सवालों के जवाब में स्विस कंपनी ने बताया कि उसका पेशेंट असिस्टेंस प्रोग्राम ट्रीटमेंट की कॉस्ट कम करने के लिए है। कंपनी ने ईमेल से दिए जवाब में बताया, हमारा मानना है कि लंबे समय में असरदार होने के लिए ऐसे प्रोग्राम को सस्टेनेबल होना चाहिए। इन दोनों दवाओं के लिए हमने पेशेंट असिस्टेंस प्रोग्राम को इस तरह से बनाया है कि मरीजों को कुछ समय के लिए ही दवा का खर्च उठाना होगा। इस वजह से पूरे इलाज का खर्च काफी कम हो जाता है।

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