सैलरी आने में है देरी तो इस लोन से चल सकता है काम, नहीं लगेगा ब्याज

प्रतीक भक्त/सुप्रजा श्रीनिवासन, बेंगलुरु
बेंगलुरु के सॉफ्टवेयर प्रफेशनल राकेश और उनके भाई ब्लॉकबस्टर मूवी ‘एवेंजर्स इनफिनिटी’ देखना चाहते थे, लेकिन वीकंड की शुरुआत के दौरान टिकट की कीमत अधिक होती है। वहीं, महीने का आखिरी समय होने की वजह से उनके पास पैसे भी नहीं थे। इसी बीच, राकेश को पता चला कि पीवीआर ग्राहकों को टिकट के पैसे बाद में चुकाने का ऑप्शन दे रही थी। कंपनी ई-पेलेटर के साथ मिलकर यह सुविधा दे रही है। ई-पेलेटर मुंबई की स्टार्टअप है, जो राकेश जैसे ग्राहकों को 14 दिनों के लिए कम रकम के कर्ज देती है।

देश में अभी 3.47 करोड़ क्रेडिट कार्ड सर्कुलेशन में हैं। इसलिए ऐसी कंपनियों के पास बिजनस बढ़ाने की काफी गुंजाइश है। फिनटेक स्टार्टअप ई-पेलेटर, सिंपल एंड लेजीपे के साथ फ्लिपकार्ट और ओला जैसी कंपनियां अपने ग्राहकों को आसान फाइनेंसिंग के ऑप्शंस दे रही हैं। ई-पेलेटर के फाउंडर ए भट्टाचार्य ने कहा, ‘बाय-नाउ-पे-लेटर एक तरह का कर्ज है, जिससे आप रेलवे और मूवी टिकट की बुकिंग कर सकते हैं। ऑनलाइन फूड ऑर्डर करने के लिए भी कंपनी ऐसे कर्ज देती है।’ भट्टाचार्य के मुताबिक, ई-पेलेटर का रेलवे टिकट की बुकिंग के लिए बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है। इसमें पे-लेटर ऑप्शन डेबिट कार्ड की डिटेल और ओटीपी की भरने की जरूरत को खत्म कर देता है।

इससे ग्राहक तेजी से टिकट बुक कर सकते हैं। इस स्टार्टअप ने एक महीने में 25 करोड़ रुपये का कर्ज दिया है। 2019 तक कंपनी इसे सालाना 2,000 करोड़ रुपये तक ले जाने की तैयारी कर रही है। ई-पेलेटर ने इसके लिए आईडीएफसी बैंक से साझेदारी की है, जिससे वह यूपीआई के माध्यम से ट्रांजैक्शन कराएगी।

भट्टाचार्य ने कहा, ‘हम अपने प्रॉडक्ट पर प्रतिदिन 6,000 ट्रांजैक्शंस देख रहे हैं। अगले 6 महीनों में हम इसे 10,000 तक पहुंचाना चाहते हैं।’ उन्होंने कहा कि इन ट्रांजैक्शंस का एवरेज टिकट साइज 3,000 रुपये है। ई-पेलेटर 14 दिन के लिए फ्री लोन देती है। यदि ग्राहक पेमेंट की डेडलाइन मिस करते हैं तो लेट पेमेंट पर कंपनी 3 पर्सेंट मंथली ब्याज वसूलेगी। उसे मर्चेंट पार्टनर से ट्रांजैक्शन का एक हिस्सा भी मिलता है। लेजीपे भी ऐसी सुविधा दे रही है।

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