सुशील मोदी ने अमित मित्रा की अध्यक्षता वाली कर समिति की प्रासंगिकता पर उठाया सवाल

नयी दिल्ली, आठ दिसंबर भाषा बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने आज तृणमूल कांग्रेस के साथ एक और विवाद को छेड़ दिया। उन्होंने पश्चिम बंगाल के विा मंत्री अमित मित्रा की अध्यक्षता में राज्य करों पर बनायी गई समिति की प्रासंगिकता पर सवाल उठाते हुए कहा कि माल एवं सेवाकर जीएसटी व्यवस्था के प्रभाव में आते ही अब इस समिति का उद्देश्य ही खत्म हो गया है।

मित्रा एक सशक्त समिति के चेयरमैन हैं और उन्होंने दिल्ली में 14 दिसंबर को सभी राज्यों के विा मंत्रियों की बैठक बुलायी है। बैठक का उद्देश्य जीएसटी से बाहर कर और राजस्व संसाधनों की पहचान करना है।

भाजपा नेता मोदी ने अपने दो पृष्ठ के पत्र में बैठक को स्थगित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद इस समिति को ना तो कोई नया काम सौंपा गया है और ना ही उसे इसकी जिम्मेदारी दी गई है। इस समिति का गठन सन् 2000 में हुआ था और इसका काम वैट के अनुपालन पर नजर रखना था। बाद में वर्ष 2008 में इसे जीएसटी के लिए खाका तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई। ऐसे में जीएसटी लागू होने के बाद समिति को दिया गया काम पूरा हो चुका है। अब कर के मुद्दों पर निर्णय लेने की सांविधिक शक्ति जीएसटी परिषद के पास है।

इसके अलावा कोलकाता से मोदी ने कहा कि सरकार जीएसटी के लिए तैयार की गई इलेक्ट्रॉनिक जीएसटीएन को और अधिक सुविधाजनक बनाने के प्रयास कर रही है। ताकि करदाताओं की रिटर्न फाइल करने में आ रही दिक्कतों को दूर किया जा सके। मोदी जीएसटीएन पोर्टल पर बनाए गए मंत्री समूह के अध्यक्ष हैं।

उन्होंने कहा कि वह इंफोसिस से पूरी प्रणाली को उपयोग में आसान बनाने के लिए कह चुके हैं।

भाषा

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