सुब्रत रॉय की बेल के चक्कर में कहीं धोखाधड़ी का शिकार न हो जाए सहारा समूह

न्यूयॉर्क/मुंबई। सहारा समूह के चीफ सुब्रत रॉय की रिहाई अभी भी करीब नजर नहीं आ रही। पिछले साल मार्च से कोर्ट की अवमानना के मामले में दिल्ली के तिहाड़ जेल में बंद रॉय को बेल के लिए 10000 करोड़ रूपए जमा करने हैं। देश की सबसे महंगी इस बेल के लिए पैसे जुटाने में लगा सहारा समूह इन दिनों न्यूयॉर्क स्थिति अपने होटल प्लाजा सहित तमाम विदेशी होटल्स के रीफिनांसिंग में जुटा है। इस बीच सहारा के सामने सबसे बड़ी समस्या यह है कि रिफिनांसिंग की इस डील को फाइनल करने वाले 34 वर्षीय पूर्व ब्रोकर सारांश शर्मा के पास इतना पैसा है भी या नहीं। सहारा के हैड ऑफ कॉरपोरेट फिनांस संदीप वाधवा ने कहा कि सहारा के वकील ने बैंक ऑफ अमरीका से यह सत्यापित किया था कि शर्मा ने बैंक में एक खाते में केवल 6250 करोड़ रूपए (1 बिलियन डॉलर) जमा किए थे। यह कथित ट्रांजेक्शन के लिए निश्चित की गई राशि बताई जा रही है। हालांकि जिस अकाउंट के बारे में बात की जा रही है वह अस्तित्व में ही नहीं है। बैंक के मैनेजर ने एक नेशनल अखबार को बताया कि उसने सहारा क

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