सुप्रीम कोर्ट ने पूर्ण राज्य के मामले में दिल्ली सरकार की याचिका सुनने से इनकार किया

नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिल्ली सरकार को झटका लगा है। दिल्ली सरकार अपनी और केंद्र सरकार की शक्तियों की व्याख्या करने के लिए कोर्ट की शरण में गई थी। दिल्ली सरकार की याचिका में दिल्ली के पूर्ण राज्य के दर्जे वाली स्थिति को स्पष्ट करने की भी मांग थी। कोर्ट ने दिल्ली सरकार की इस याचिका को सुनने से इनकार कर दिया है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि इस मामले में हाई कोर्ट पहले ही सुनवाई पूरी कर चुका है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पहले हाई कोर्ट को इस मामले में फैसला सुनाने दिया जाए। इसके बाद अपीलकर्ता उच्च अदालत में अपील कर सकते हैं। दरअसल, दिल्ली सरकार हाई कोर्ट का फैसला रुकवाने के लिए ही सुप्रीम कोर्ट पहुंची थी।

मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने की, जिसकी अध्यक्षता जज दीपक मिश्रा कर रहे थे। उन्होंने दिल्ली सरकार की ओर से पेश हुए वकील से पूछा, ‘हम हाई कोर्ट को ऐसा आदेश क्यों दें कि वह इस मामले में सिर्फ अधिकार क्षेत्र पर फैसला सुनाए, न किए इसकी मेरिट पर?’

दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच शक्तियों के विभाजन को लेकर अक्सर तनातनी देखने को मिलती है। यही वजह है कि दिल्ली के सीएम कभी गृह मंत्रालय, कभी दिल्ली के उप-राज्यपाल नजीब जंग और कभी पीएम मोदी पर दिल्ली सरकार को काम नहीं करने देने का आरोप लगाते हैं। इसी मामले को लेकर दिल्ली सरकार देश की सर्वोच्च अदालत में पहुंची थी। कोर्ट ने इसे हाई कोर्ट का मामला बताते हुए सुनवाई से इनकार कर दिया।

सुप्रीम कोर्ट आर्टिकल 239 AA के तहत दिल्ली सरकार की याचिका पर सुनवाई करने को तैयार हो गया था। दिल्ली सरकार की वकील इंदिरा जयसिंह ने कोर्ट से कहा था कि राजधानी में दुविधा की स्थिति है, इसलिए कोर्ट को यह फैसला करना चाहिए कि दिल्ली एक राज्य है या नहीं। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त नहीं है यानी पुलिस और जमीन जैसे अहम विभाग केंद्र सरकार द्वारा चलाए जाते हैं। सत्ता में आने से पहले से ही अरविंद केजरीवाल दिल्ली को पूर्ण राज्य बनाने की वकालत करते रहे हैं।

आम आदमी पार्टी कहती रही है कि उप-राज्यपाल लोगों द्वारा चुनी गई सरकार को नजरअंदाज नहीं कर सकते। आम आदमी पार्टी यह भी कहती है कि दिल्ली में बीजेपी के सिर्फ तीन विधायक हैं, इसके बावजूद केंद्र सरकार देश की राजधानी पर नियंत्रण रखना चाहती है।

दिल्ली सरकार ने पिछले साल हाई कोर्ट में केंद्र सरकार की उस अधिसूचना को चुनौती दी थी जिसमें कहा गया था कि दिल्ली के मुख्यमंत्री के तौर पर केजरीवाल की शक्तियां सीमित हैं और अहम अधिकारियों की नियुक्ति में उनका कोई रोल नहीं है। हाई कोर्ट ने अधिसूचना पर संशय जताया था जिसके बाद केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट चली गई थी।

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