सुप्रीम कोर्ट का फैसला: गोयल चुप, ‘आप’ ने किया स्वागत

हैदराबाद

खेल मंत्री विजय गोयल ने उच्चतम न्यायालय द्वारा बीसीसीआई अध्यक्ष पद से अनुराग ठाकुर को बर्खास्त करने पर प्रतिक्रिया देने से इनकार करते हुए कहा कि सरकार इस मामले में पक्ष नहीं थी और उनका मंत्रालय शीर्ष अदालत और क्रिकेट संस्था के बीच में नहीं आएगा।

गोयल ने यहां एक कार्यक्रम के इतर कहा, ‘खेल मंत्रालय उच्चतम न्यायालय, बीसीसीआई और अनुराग ठाकुर के बीच में नहीं है। खेल मंत्रालय का प्रत्यक्ष तौर पर लोढ़ा समिति या बीसीसीआई और उनके फैसलों से कोई लेना देना नहीं है। हम इसमें पक्ष नहीं हैं। उच्चतम न्यायालय का फैसला उच्चतम न्यायालय का फैसला है।’

गोयल उस सवाल का जवाब दे रहे थे, जिसमें ठाकुर को बीसीसीआई अध्यक्ष और अजय शिर्के को सचिव पद से बर्खास्त किए जाने पर उनकी प्रतिक्रिया मांगी गई थी। उन्होंने कहा कि हाल में भारतीय ओलंपिक संघ को लेकर हुए विवाद को देखते हुए खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल विकास संहिता में सुधार के लिए खेल सचिव की अध्यक्षता में समिति के गठन का फैसला किया है। गोयल ने कहा कि खेल मंत्रालय ने पिछले कुछ महीनों में राष्ट्रीय खेल महासंघों, राज्यों के खेल मंत्रियों, ओलिंपियन, अर्जुन और द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेताओं के साथ बैठक की है और सुधारों पर चर्चा की है।

क्या बोली आम आदमी पार्टी?
वहीं, दूसरी तरफ बीसीसीआई के खिलाफ उच्चतम न्यायालय के आदेश का स्वागत करते हुए आम आदमी पार्टी ने सोमवार को कहा कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष अधिकारियों को निर्देश जारी करने चाहिए कि उनसे जुड़ा कोई व्यक्ति खेल संस्थाओं में पद के लिए दावेदारी नहीं करेगा।

‘आप’ के दिल्ली समन्वयक दिलीप पांडेय ने संवाददाताओं कहा कि सिर्फ खिलाड़ियों को ऐसे संगठनों की अगुवाई करनी चाहिए। पांडेय ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय के आदेश को निर्देश सिद्धांत के रुप में देखना चाहिए। बीजेपी, कांग्रेस और अन्य राजनीतिक पार्टियों को निर्देश जारी करके कह देना चाहिए कि उनका कोई नेता खेल संस्था की अगुवाई नहीं कर सकता।’ उन्होंने कहा कि ‘आप’ सभी खेल संस्थाओं और महासंघों में लोढ़ा समिति की सिफारिशें लागू करने की मांग कर रही है।

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