सीतापुरः कुत्तों की हत्या पर लगी रोक, अब होगी नसबंदी

सीतापुर
उत्तर प्रदेश के खैराबाद इलाके में बिना सोचे-समझे कुत्तों की हत्या किए जाने पर रोक लगा दी गई है। अब कुत्तों को पकड़ कर नसबंदी करने का अभियान चलाया जाएगा। बरेली से आने वाली इंडियन वेटनरी रिसर्च इंस्टिट्यूट की टीम बुधवार से पकड़े गए कुत्तों की जांच करेगी। कनवाखेडा एएनएम सेंटर में कुत्तों की नसबंदी के लिए केंद्र बनाया है।

सीतापुर जिले के खैराबाद में कुत्तों के हमले में नवंबर (पिछले साल) से लेकर अब तक 13 बच्चों की मौत कुत्तों के हमले में हो चुकी है। हाल यह है कि अब बच्चे स्कूल तक नहीं पहुंच रहे हैं। न तो उनके माता-पिता उन्हें स्कूल भेज रहे हैं, न ही बच्चे स्कूल जाने को राजी हैं। पुलिस और लोगों ने यहां कुत्तों को मारना शुरू कर दिया है।

एनबीटी ने बुधवार को यह मुद्दा उठाया था कि कुत्तों को बिना किसी पड़ताल के मारा जा रहा है और बिना पोस्टमॉर्टम के दफनाया भी जा रहा है। इस काम में गांव वालों के साथ पुलिस भी जुटी थी।

पढ़ेंः सीतापुर: बिना पहचान के कुत्तों को मार रही पुलिस, दफनाने से पहले पोस्टमॉर्टम भी नहीं

कुत्तों को मारने, पकड़ने के लिए बनाई गई टीम के प्रभारी एसडीएम शशांक त्रिपाठी ने बताया कि मंगलवार को एक भी कुत्ता नहीं मारा गया, सिर्फ दो कुत्ते पकड़े गए हैं। डीएम शीतल वर्मा ने गांव की गलियों में घूमने वाले कुत्तों को मारने पर रोक लगा दी है।

डीएम शीतल वर्मा ने बताया कि डब्ल्यूडब्लयूएफ की दो सदस्यीय टीम जिले में मौजूद है, जो क्षेत्र में पड़ताल कर रही है। निदेशक पशुधन की देखरेख में आईवीआरआई की टीम बुधवार से इस बात की जांच करेगी कि कुत्तों में यह बदलाव क्यों आया? हमला करने वाले कुत्ते ही थे या कोई अन्य जानवर? डीएफओ अनिरुद्ध पांडेय को अभियान के कोऑर्डिनेटर की जिम्मेदारी दी गई है।

उधर, खैराबाद इलाके में टीमें लगातार कॉम्बिंग करती रहीं। ग्रामीण भी सतर्क हैं और बच्चों को अकेले घर से निकलने नहीं दे रहे हैं।

कान्हा उपवन लाए गए कुत्तों का व्यवहार सामान्य
बच्चों पर जानलेवा हमला करने की आशंका में सीतापुर से लखनऊ लाए गए कुत्तों के व्यवहार में कोई असामान्य बात नजर नहीं आई है। लखनऊ के कान्हा उपवन में सामान्य कुत्तों के साथ भैरो चरण कुंज में रखे गए यह कुत्ते दूध और दलिया खा रहे हैं। मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ़ एके राव के मुताबिक शहरी कुत्तों की तुलना में सीतापुर से लाए गए कुत्ते ज्यादा तंदुरुस्त हैं, लेकिन इन कुत्तों ने पहले से रखे गए कुत्तों पर भी हमला नहीं किया। जल्द ही इनकी नसबंदी कर सीतापुर भेज दिया जाएगा।

लेकिन इन सवालों के जवाब नहीं

– बच्चों पर हमला कुत्ते ही कर रहे हैं या कोई और जानवर?
– अब तक रैबीज वाला या बच्चों पर हमला करने वाला कोई कुत्ता चिह्नित नहीं हुआ।
– हमले में मारे गए बच्चों और कुत्तों का पोस्टमॉर्टम क्यों नहीं करवाया गया?
– यदि कुत्ते हैं तो वे शाम के समय खेत या बाग में ही हमला क्यों करते हैं? गांव के अंदर किसी बच्चे को नहीं मारा गया?
– आईवीआरआई और डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीमें अब पहुंची हैं तो वे कब तक नतीजे पर पहुंचेंगी और तब तक हमला रोकने के क्या इंतजाम हैं?

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