सिसोदिया बोले, दिल्ली पुलिस नहीं रोकना चाहती क्राइम!
|मासूम बच्चियों के साथ रेप की घटनाओं ने दिल्ली को फिर शर्मसार कर दिया है। महिलाओं के खिलाफ अपराध और उत्पीड़न के बढ़ते मामलों के बाद दिल्ली पुलिस सवालों के घेरे में है। दिल्ली सरकार ने पुलिस पर निशाना साधते हुए कहा है कि अपराध रोकने में पुलिस पूरी तरह से नाकाम साबित हो रही है और अब अपराधी बेखौफ घूम रहे हैं।
डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया ने साफ कहा कि अपराधियों में अब पुलिस का डर नहीं रहा, जबकि पुलिस को ऐसा माहौल बनाना चाहिए कि अपराध करने से पहले कोई 100 बार सोचे। सिसोदिया ने पुलिस को निशाने पर लेते हुए कहा, ‘जिस तरह से दिल्ली में पुलिस काम कर रही है, उसे देखते हुए आम लोग अब खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। अगर पुलिस दिल्ली सरकार को सौंप दी जाए तो हालात बदलेंगे।’
सिसोदिया ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि अपराध रोकने के लिए पुलिस में इच्छाशक्ति नहीं रही है। पुलिस के केंद्र के अधीन होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि आखिर दिल्ली पुलिस का क्या दायित्व है। पुलिस का काम दिल्ली के लोगों की सुरक्षा करना है और सुरक्षित माहौल बनाना है, लेकिन पुलिस अपने दायित्वों को निभाने में नाकाम साबित हुई है।
सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली सरकार चुप नहीं बैठेगी और लोगों की सुरक्षा को लेकर पुलिस को मजबूर करेगी। पुलिस को यह समझना ही होगा कि उसकी जवाबदेही दिल्ली के लोगों के लिए है। उन्होंने कहा कि महिलाओं की सुरक्षा को लेकर दिल्ली सरकार अपनी तरफ से हर संभव उपाय करेगी। लेकिन पुलिस को भी अपना दायित्व समझना होगा, तभी दिल्ली में लोग सेफ होंगे।
स्कूलों पर खास ध्यान
सिसौदिया ने बताया कि स्कूलों में गर्ल्स स्टूडेंट्स की सेफ्टी को लेकर सरकार तमाम उपाय कर रही है। सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी स्टूडेंट्स को दी जा रही है। इसके अलावा स्कूलों में काउंसलर्स नियुक्त करने की भी योजना है। गर्ल्स स्टूडेंट्स को अगर कोई परेशानी है तो वे अपनी बात बिना किसी डर के कह सकेंगी। उनसे बातचीत होगी। देखने में आता है कि कई बार गर्ल्स स्टूडेंट्स अपनी परेशानी न तो अपने परिवार को बताती हैं और स्कूल में भी वे अपनी बात नहीं कह पातीं। स्कूलों में ऐसा माहौल बनाया जाएगा, जहां पर वे अपनी बात बिना किसी डर के कह सकें।
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