सिफर को सिफर करने का सफर

  सिफर को सिफर करने का सफर  मोदी सरकार के एक साल का काफी समय तो पिछली सरकार के फैसलों को सुधारने में खर्च हुआ है। हाल ही में एक मामला सामने आया है एक निहायत ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ आईएएस अधिकारी का वर्तमान और भविष्य बचाने का। आंध्रप्रदेश कैडर के 1986-87 बैच के साई गिरधर की ईमानदारी से तंग आकर पिछली सरकार के पेट्रोलियम मंत्री ने गोपनीय रिपोर्ट में 10 में से शून्य नंबर दिए थे। यह हास्यास्पद तो था, लेकिन उनके भविष्य के लिए अच्छा नहीं था। अब सरकार या तो पिछले पांच वर्ष का औसत निकालने या इस शून्य के स्कोर को ही खारिज करने के विकल्पों पर विचार कर रही है।    जांच शुरू  दिल्ली में गैस सप्लाई की कीमतों को लेकर जांच शुरू हो गई है। गैस रियालंस की, जांच भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो की, और इसे स्वीकृति है भारत के नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक की। आगे-आगे देखिए होता है क्या।    कुर्सी है, तो क्या गम है…  कहते हैं कुर्सी इंसान को जवान बना देती है। एक जवानी, हजार नियामत। यही कारण है कि कई लोग अपने जूनियर के भी मातहत बनने के लिए राजी हो जाते हैं। जैसे हाल में चुनाव…

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